मकर संक्रांति पर सूर्य पूजा का विशेष महत्व होता है। सूर्य के उत्तरायण होना हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण मना गया है। 14 जनवरी से सूर्य उत्तरायण होंगे और अगले दिन मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा।
मकर संक्रांति पर स्नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्य देने के बाद उसकी किरणों के समक्ष तिल-गुड़ और चावल छूने का नियम होता है। यह नियम धार्मिक लिहाज से ही नहीं सेहत के लिहाज से भी बहुत अच्छा माना गया है। इस दिन शरीर पर पड़ने वाली सूर्य कि किसी दवा से कम नहीं होती हैं। मकर संक्रांति के पारंपरिक खानपान भी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इसलिए धार्मिक और शारीरिक दोनों ही लिहाज से मंकर संक्राति विशेष फलदायी होती है।
जानें, कैसे लाभकारी हैं मकर संक्रांति पर सूर्य की किरणें
तो मकर संक्रांति पर पुण्य कमाने के साथ अच्छे सेहत का तोहफा भी आप पा सकते हैं। संक्रांति पर धूप सेके और तिल के लड्डू भी खाएं।