स‍िर्फ नाम का है हर्बल हुक्का, हर कश में भरा है जहर

हेल्थ
Updated Sep 03, 2018 | 20:34 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

नई जेनरेशन को पुराना हुक्‍का पीने में कुछ ज्‍यादा ही मजा आ रहा है। हालांक‍ि इसकी गुड़गुड़ाहट कुछ देर की खुमारी भले ही दे दे लेकिन हुक्‍का आज भी सेहत के लिए हान‍िकारक है। फ‍िर भले ही उसे हर्बल क्‍यों न कहा जाए।

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side effects of herbal hookah  |  तस्वीर साभार: Thinkstock

Trend of Herbal Hookah : हर्बल हुक्का के नाम पर आप अगर इसकी गुड़गुड़ाहट का मज़ा ले रहे है, तो संभल जाइये। मिंट, जैस्मिन और स्ट्रॉबेरी के कश को आप ले कर खुद को भले ही कुछ पल के लिए रिफ्रेश फील करते हों लेकिन लंबे समय में इसका इफ़ेक्ट उल्टा होने वाला है। ये हुक्का किसी जहर या ड्रग से कम नहीं है। इसके कश आपके द‍िल को कमजोर कर स्‍ट्रोक का खतरा पैदा करते हैं और हो सकता है कि हुक्‍का पीने से आप इसके आदी हो जाएं, ठीक ड्रग एडिक्शन के खतरे जैसे। 

फ्लेवर्ड और हर्बल हुक्का  के नाम पर आपकी बॉडी में हर कश के साथ 4000 से अधिक केमिकल जा रहे हैं। ये केमिकल इतने खतरनाक हैं कि इनसे कैंसर तक होने की संभावना है। सिगरेट और दूसरे तंबाकू की तरह ही ये भी उतना ही नुकसानदेह है। दुबई, अमेरिका, यूएई और फ्रांस जैसे देशों ने इसके साइड इफेक्ट को देखते हुए हुक्‍के को अपने देश मे प्रतिबंधित कर दिया है। 

डॉक्टरों की मानें, तो हुक्के के साइड इफेक्ट से अस्थमा अटैक, ब्रॉन्‍काइटिस, लंग्स कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, हार्ट डिजीज सहित भूलने की बीमारी तक हो सकती है। स्ट्रोक का खतरा भी तेजी से बढ़ता है। प्रेग्‍नेंट लेडीज अगर इस लत की एक्टिव या पैसिव शिकार हैं तो होने वाला बच्चा कम वजन का और कमजोर पैदा हो सकता है। आगे चल कर वह आसानी से कई बीमार‍ियों का श‍िकार हो सकता है। यही नहीं, हुक्‍का पीने से पुरुषों और मह‍िलाओं, दोनों की प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है। यानी दोनों ही जेंडर्स को इनफर्टिलिटी की समस्‍या हो सकती है। 

छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. विश्वास भारद्वाज का कहना है क‍ि हुक्‍का पीने वाले यंगस्टर्स में चेस्ट इंफेक्शन, अस्थमा अटैक, ब्रॉन्‍काइटिस जैसी समस्‍याएं बहुत सामने आ रही हैं। ये भी कहा जा सकता है क‍ि उनकी सेहत को पॉल्यूशन से ज्यादा हुक्का नुकसान कर रहा। हर्बल हुक्का के नाम पर लोग एसि‍टोन, अमोनिया, मीथेनॉल जैसे कई ज़हर पी रहेहैं जो जानलेवा है। इसके लॉन्ग टर्म इफ़ेक्ट ज्यादा खतरनाक हैं क्योंकि इसमें हर्बल जैसा कुछ नहीं है।

कुछ ऐसे तैयार होता है ये जहर
मैलेशिश (शीरा) को हुक्के के जार में भरकर ऊपर रखी प्लेट में टेबोनल या मसाल या जर्क डाला जाता है। फिर इसे नीचे बर्नर से गर्म किया जाता है। हुक्का पाइप से ये कश शीरा में होता हुआ सीधे मुंह में पहुंचता है। यही शीरा बॉडी में पहुंचकर खतरनाक रोगों को दावत देता है। 

हर कश के साथ केमिकल ले रहे हैं आप
हुक्के में एसि‍टोन, अमोनिया, मीथेनॉल, पाइरीन, डाई मिथाइल, नाइट्रो सैमीन, नैफ्थैलीन, कैडमियम, कार्बन डाइमोनोऑक्साइड, बेंजोपाइरीन, व‍िनाइल क्लोराइड, हाइड्रोजन साइनायड, आर्सेनिक, डाय बैंजो क्रीडीन, फिनोल, ब्यूटेन, पोलोनियम और डीडीटी जैसे केमिकल होते हैं। 

अब आप खुद ही सोच लें क‍ि मस्‍ती में लिया एक कश आपकी सेहत को कितना नुकसान पहुंचा सकता है। अब फैसला आपका है क‍ि आप सेहत और समस्‍या में से किसे चुनेंगे! 

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