मोटापे और टीवी का ये है सीधा कनेक्शन, जानिए बच्चे को कितने घंटे देखना चाहिए टीवी?

हेल्थ
Updated Jul 09, 2019 | 02:11 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

टीवी देखने से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। यह बहुत छोटे बच्चों में व्यवहार में बदलाव सहित कई चीजों को भी प्रभावित करता है।टीवी से चिपके रहने वाले बच्चों के पेरेंट्स को बहुत सावधन रहने की जरूरत है..

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Kid Watching TV 
मुख्य बातें
  • लंबे समय तक टीवी देखने वाले बच्चों के पेरेंट्स को बहुत सावधान रहने की जरूरत है।
  • टीवी देखना या मोबइल पर रहना बच्चे के वेट गेन से भी जुड़ा हुआ है।
  • अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार बच्चों के लिए टीवी देखने का समय उम्र के अनुसार बदलता है।

नई दिल्ली. टीवी देखना लोगों के लिए मनोरंजन का एक अद्भुत साधन है। बड़े हों या छोटे सभी एज ग्रुप के लिए टीवी में तमाम तरह के प्रोग्राम आते हैं। हालांकि, बच्चों के लिए टीवी देखना ज्यादा नुकसानदायक साबित होता है। उनकी पढ़ाई-लिखाई में तो बाधा पहुंचती ही है उनके स्वास्थ्य के लिए भी ये कम खतरनाक साबित नहीं होता। 

लबे समय तक टीवी से चिपके रहने वाले बच्चों के पेरेंट्स को बहुत सावधान रहने की जरूरत है।  उनका बच्चा कितनी देर टीवी देख रहा है और उससे भी महत्वपूर्ण बात वह क्या देख रहा है। 

पेरेंट्स को ये समझना होगा कि उनका बच्चा जितना वक्त टीवी देखने में बिता दिया उतना ही समय परिवार, दोस्त या अन्य शारीरिक गतिविधयों से भी दूर रहा है।बच्चे के विकास के साथ उसकी शारीरिक जरूरत के लिए यह समय बेहद महत्वपूर्ण है। बच्चे की आदत लंबे समय तक ऐसी बनी रही तों लंबे अंतराल के बाद वह लोगों या परिवार के साथ बैठ कर बातचीत करना पसंद ही नहीं करेगा, उसे टीवी से ज्यादा लगाव रहेगा। 

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वेट गेन से जुड़ा है ज्यादा टीवी देखना
किड्सहेल्थ पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार,बहुत अधिक टीवी देखना या मोबइल पर रहना बच्चे के वेट गेन से भी जुड़ा हुआ है। टीवी देखने से बच्चे निष्क्रिय हो सकते हैं और बहुत नाश्ता करने लगते हैं। वे अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों और खाली-कैलोरी पेय के विज्ञापनों को देखते हैं और यही इनका पसंदीदा स्नैक फूड बन जाता है। 

यही कारण है कि बच्चों का वेट बढ़ने लगता है। ठीक इसी तरह बच्चे के खानपान के साथ टीवी पर देखी जाने वाली अन्य सामग्री भी बच्चों पर तेजी से प्रभाव डालती है। जैसे अगर वो क्राइम शो देखें तो उनके व्यवाहार और भाषा में भी उसका प्रभाव दिखता है। 

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जानिए बच्चे की उम्र के मुताबिक टीवी देखने का समय क्या होना चाहिए
अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार बच्चों के लिए टीवी देखने का समय उम्र के अनुसार बदलता है। 

  • 18 महीने तक के बच्चों और शिशुओं के लिए परिवार और दोस्तों के साथ मोबाइल पर वीडियो कॉल में साथ रहना ही काफी है। उन्हें अतिरिक्त टीवी बिलकुल देखने की सलाह नहीं दी गई है। 
  • प्रीस्कूलर के लिए एक घंटे टीवी देखना पर्याप्त है लेकिन वह भी केवल शैक्षिक कार्यक्रम। 
  •  पांच से 18 वर्ष की आयु के बच्चों और किशोरों के लिए टीवी या मोबाइल देखने का समय इतना ही होना चाहिए जितना कि उनकी शैक्षिक गतिविधि, शारीरिक विकास, नींद का चक्र आदि प्रभावित न हो। यह पेरेंट्स को खुद तय करना होगा कि वह कितना टीवी देखें। 

डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता।

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