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नई दिल्ली. मधुमेह रोगियों के दिमाग में अक्सर में यह एक सवाल जरुर आया होगा कि क्या हम फल के जूस सेवन कर सकते हैं? लेकिन अब एक रिसर्च से पता चला है कि 100 फीसदी फल का जूस पीने से टाइप-दो मधुमेह की चपेट में आने की आशंका नहीं रहती।
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जूस पीने से नहीं होता असर
‘जर्नल ऑफ न्यूट्रीशनल साइंस’ में प्रकाशित एक रिसर्च में पाया गया कि खाना खाने से पहले के खून में ग्लूकोज के स्तर, इंसुलिन के स्तर या इंसुलिन की प्रतिरोधकता के स्तर पर 100 फीसदी जूस पीने से कोई खास असर नहीं पड़ता। ये नतीजे पिछले शोध के उन रिजल्ट्स से मिलते-जुलते हैं, जिनमें संकेत दिया गया था कि 100 फीसदी फल के जूस का टाइप-दो मधुमेह विकसित होने के बढ़े हुए जोखिम से नहीं है।
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ये होती है टाइप-दो डायबिटीज
मधुमेह से प्रभावित मरीजों के खून में ग्लूकोज के स्तर के लिए ‘ग्लाइसेमिक नियंत्रण’ शब्द का इस्तेमाल किया जाता है।अमेरिका के सेंटर फॉर केमिकल रेग्यूलेशन एंड फूड सेफ्टी के शोधकर्ताओं की ओर से किए गए एक आंकड़ों पर गौर करें तो 100 फीसदी जूस पीने और खून के ग्लूकोज नियंत्रण के बीच संबंध का आकलन किया गया। टाइप-दो मधुमेह एक बीमारी है जिसमें शरीर इंसुलिन पर प्रतिक्रिया नहीं दे पाता है।
(भाषा के इनपुट के साथ)
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