नई दिल्ली: सर्दी के मौसम में गर्म-गर्म चीजें खाने में अच्छी लगती हैं। वहीं खाने में वो आइटम भी लुभाते हैं जिनकी तासीर गर्म हो या जो ठंड में होने वाले सर्दी-जुकाम और बुखार से बचाकर रख सकें।
दरअसल, ठंड में सभी अंदर रहना पसंद करते हैं और साथ ही रक्त कोशिकाएं भी सिकुड़ जाती हैं। ऐसे में शरीर अकड़ा हुआ महसूस करता है और साथ ही खून का बहाव भी प्रभावित होता है। इन सब चीजों से बचने के लिए ठंड के मौसम में साग खाने की सलाह दी जाती है। सरसों का साग तो सभी के बीच मशहूर है लेकिन चना, बथुआ, मेथी आदि के साग भी सेहत के लिए अच्छी होते हैं।
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यहां जानें ठंड के मौसम में कैसे साग खाना आपको बीमार होने से बचाता है -
- सरसों का साग : सरसों के साग में कम कैलोरीज और फैट होता है वहीं इसमें कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, शुगर, पोटेशियम, विटामिन ए, सी, डी, बी 12, मैग्नीशियम, आयरन और कैल्शियम की भरपूर मात्रा होती है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट्स भी मौजूद होते हैं जो शरीर से टॉक्सिन दूर करने के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं। सरसों के साग में फाइबर बहुत अधिक मात्रा में होने के कारण पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है। इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है और दिल के रोगों की आंशका भी कम हो जाती है।
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- बथुए का साग : इस साग में कई औषधीय गुण होते हैं और साथ ही यह विटामिन ए, कैल्शियम, फॉस्फोरस और पोटैशियम से भरपूर होता है। बथुए की खासियत है कि ये नाइट्रोजन युक्त मिट्टी में उगता है। इसके साग को नियमित खाने से गुर्दे में पथरी होने का खतरा काफी कम हो जाता है। वहीं गैस, पेट में दर्द और कब्ज की समस्या भी दूर होती है।
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- चने का साग : यह साग खाने में पौष्टिक और स्वादिष्ट होता है। चने के साग में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, पानी, फाइबर, कैल्शियम, आयरन व विटामिन पाए जाते हैं। यह कब्ज, डायबिटिज, पीलिया आदि रोगों में बहुत फायदेमंद होता है। चने का साग हमारे शरीर में प्रोटीन की आपूर्ति भी करता है।
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- मेथी का साग : मेथी में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन सी, नियासिन, पोटेशियम, आयरन मौजूद होता हैं। इसमें फोलिक एसिड, मैग्नीशियम, सोडियम, जिंक, कॉपर आदि भी मिलते हैं जो शरीर के लिए बेहद जरूरी हैं। पेट ठीक रहे तो स्वास्थ्य भी ठीक रहता है और खूबसूरती भी बनी रहती है। मेथी पेट के लिए काफी अच्छी होती है। साथ ही यह हाई बीपी, डायबिटीज, अपच आदि बीमारियों में मेथी का उपयोग लाभकारी होता है।
- चौलाई का साग : चौलाई में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन-ए, मिनरल और आयरन प्रचुर मात्रा में पाए जाते है। इसे कफ और पित्त का नाश करने वाली माना जाता है जिससे रक्त विकार दूर होते हैं। पेट और कब्ज के लिए चौलाई का साग बहुत उत्तम माना जाता है। साथ ही इससे रक्त व त्वचा विकार भी दूर होते हैं।
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