Diwali पर मेहंदी लगवाने से पहले करें स्किन टेस्ट, एलर्जी की वजह बन सकती है हिना

हेल्थ
Updated Oct 27, 2019 | 07:11 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

दिवाली (Diwali) पर मेहंदी (Henna) लगाने की परंपरा है, लेकिन गाढ़ी मेहंदी रचवाने के चक्कर में हाथों में जलन, या अन्य रियेक्शन भी हो जाते हैं, इसलिए मेहंदी लगाने से पहले स्किन टेस्ट जरूर कराएं

Mehndi may cause allergic reaction
Mehndi may cause allergic reaction 
मुख्य बातें
  • दिवाली पर मेहंदी लगाने की होती है परंपरा
  • मेहंदी के रंग नहीं उसकी शुद्धा की करें जांच
  • 12 घंटे का स्किन टेस्ट के बाद ही मेहंदी लगवाएं
मेहंदी लगवाना महिलाओं को बेहद पसंद है। ऐसे में दिवाली पर जो महिलाएं मेहंदी लगवाने जा रही हैं वो सही है या नहीं इसके बारे में जनकारी जरूर प्राप्त कर लें। ज्यादातर महिलाएं अक्सर मेहंदी लगवाने से पहले ये सवाल जरूरर पूछती हैं कि मेहंदी गाढ़ी रचेगी या नहीं, लेकिन ये नहीं पूछतीं कि मेहंदी सेफ है या नहीं?
 
यही कारण है कि अब मेहंदी को गहरा रंग देने के लिए इसमें तमाम तरह के केमिकल्स मिला दिए जाते हैं, जिससे ये रंग तो गहरा देती हैं, लेकिन साथ में कई तरह के स्किन डिजीज का कारण भी बन जाती है। इसलिए दिवाली पर यदि मेहंदी लगवाने जारही तो मेहंदी के रंग ही नहीं उसकी शुद्धता के बारे में भी जांच करें। खुद चेक करें कि मेहंदी सेफ है या नहीं।
 
खुद करें पहचान और करें स्किन टेस्ट
मेहंदी की पहचान करना बहुत आसान है। इसलिए आप मेहंदी लगवाने से पहले इसकी जांच खुद कर सकती हैं। शुद्ध मेहंदी में लसलसापन होता है। साथ ही वह रंग में हमेशा हरी ही नजर आएगी। इसलिए लगवाते समय यदि इसमें लसलसापन न दिखे या मेहंदी गहरी भूरी या काली सी नजर आए तो समझ लें कि इसमें केमिकल्स हैं। साथ ही जिस कोन से आपको मेहंदी लगनी है उस कोन का स्किन टेस्ट 12 घंटे पहले करें। थोड़ी सी मेहंदी लेकर उसे स्किन के किसी कोने में लगा दें और 12 घंटे बात यदि स्किन समान्य दिखे तो मेहंदी सेफ है।
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
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इन केमिकल्स को मिलाया जाता है मेहंदी में
सोडियम पिक्रमेट : मेहंदी में सोडियम पिक्रमेट कि मिलावट होती है, क्योंकि ये जब स्किन के प्रोटीन के संपर्क में आता है तो ये गहरा रंग देता है, लेकिन साथ ही ये गंभीर ज्वलनशील रसायन भी होता है और यही कारण है कि कई बार ये स्किन पर जलन, फफोले या अन्य रियेक्शन कर देता है। इसे मेहंदी तेल के नाम से भी जाना जाता है।
 
ऑक्सेलिक एसिड : मेहंदी में प्रयोग होने वाला ये केमिकल एक तरह का ब्लीचिंग एजेंट है। सेंसेटिव स्किन वालों को इस केमिकल्स से रियेक्शन हो सकता है।
 
पीपीडी: बालों के कलर यानी डाई में पीपीडी का यूज होता है और अब मेहंदी को रंग देने के लिए भी इसका ही यूज होने लगा है।
 
केमिकल्स युक्त मेहंदी के जानें साइड इफेक्ट्स
स्किन एलर्जी के साथ स्किन में खुजली का होना, तेज जलन, फफोले पड़ना, स्किन का ड्राई हो जाता या बेहद सख्त हो जाना, स्किन पर दाने या हमेशा के लिए दाग बन जाना। ये गंभीर लक्षण मेहंदी से भी हो जाते हैं।
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
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कोशिश करें आप खुद बनाएं मेहंदी
भले ही आप मेहंदी लगा न सकें, लेकिन अपनी मेहंदी खुद तैयार कर मेहंदी लगाने वाले को दें। मेहंदी पाउडर बाजार से खरीद लें। कोशिश करें कि मेहंदी की पत्तियों को सूखा कर उसका पाउडर बना कर छान लें।यदि संभव न हो तो बाजार से मेहंदी पाउडर खरीदें और उसमें चाय और कॉफी का पानी मिला कर करीब 6 घंटे के लिए भिगो दें। फिर इसे कोन में भर लें। मेहंदी लगने के बाद नींबू-चीनी का गाढ़ा घोल तैयार कर जब मेहंदी सूखने लगे तो उस पर लगाते रहें। मेहंदी जब सूख कर निकल जाए तो उसपर सरसों का तेल लगाएं और तवे पर पांच- छह लौंग डाल कर उसके धुएं और गर्मी को अपने हाथों पर आने दें।
 
ये कुछ महत्वपूर्ण जानकारी है जो मेहंदी लगवाने से पूर्व आपको जरूर जान लेना चाहिए।
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