आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में वजन बढ़ना एक आम समस्या है। मोटापा न बढ़े और वजन नियंत्रित रहे, इसके लिए संतुलित भोजन लेने के साथ ही नियमित रूप से व्यायाम करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। लेकिन इसके बावजूद भी कुछ लोग मोटापे से ग्रसित हो जाते हैं।
वास्तव में शरीर का वजन संतुलित रहने के लिए आपकी पाचन क्रिया का बेहतर होना बेहद जरूरी है। आप अपने शरीर को स्लिम बनाने के लिए चाहे कुछ भी कर लें लेकिन यदि आपका पाचन खराब है तो काफी हद तक आपका वजन भी बढ़ सकता है। तो आइये जानते हैं कि पेट से जुड़ी किन समस्याओं की वजह से बढ़ता है वजन।
चाहते हैं वजन घटाना, तो पहले दूर करें पेट की ये बीमारी
एसिड रिफ्लक्स
एसिड रिफ्लक्स को गैस्ट्रोओसोफेजिएल रिफ्लक्स रोग के नाम से भी जाना जाता है। यह समस्या होने पर सीने के निचले हिस्से में जलन और दर्द होता है और पेट का एसिड ओसोफेगस में वापस चला जाता है। खाना खाने के बाद भोजन और लार मिलकर एसिड को थोड़ी देर के बेअसर कर देते हैं। लेकिन भोजन पचने के बाद एसिड का उत्पादन फिर से बढ़ जाता है। इससे बार बार खाने की इच्छा होती है और वजन बढ़ने लगता है।
अल्सर
अल्सर आमतौर पर छोटी आंत या पेट के अंदरूनी परत में होता है। यह सामान्यतौर पर अत्यधिक मात्रा में एसिड का उत्पादन करता है। एसिड रिफ्लक्स की तरह ही भोजन करने के बाद अल्सर से थोड़ी देर के लिए आराम मिल जाता है क्योंकि यह लाइनिंग को ढककर एसिडर को बेअसर करता है। यदि राहत पाने के लिए आप अधिक मात्रा में भोजन करते हैं तो जाहिर है कि आपका वजन बढ़ सकता है।
बैक्टीरिया
हमारी आंत में अच्छे और खराब दोनों तरह के बैक्टीरिया पाये जाते हैं। अच्छे बैक्टीरिया सूजन को कम करने में मदद करते हैं। लेकिन जब आंत में बैक्टीरिया की संख्या बढ़ जाती है तो वजन बढ़ने लगता है। वास्तव में ये बैक्टीरिया मेथेन गैस के उत्पादन को बढ़ा देते हैं और छोटी आंत की क्रिया को धीमा कर देते हैं जिसके कारण मेटोबोलिज्म भी धीमा हो जाता है और आपके इंसिलुन और लेप्टिन पर इसका प्रभाव पड़ता है जिसके कारण भूख अधिक लगती है और मोटापा बढ़ जाता है।
इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम
आंत से जुड़ी हुई यह सबसे आम समस्या है। भोजन की संवेदनशीलता और अच्छे बैक्टीरिया के असंतुलन के कारण पाचन संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। इसके कारण पेट में सूजन होने लगती है जो वजन बढ़ने का कारण बन सकता है।
पुरानी बीमारी
पुरानी बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को उपचार के पहले चरण में स्टीरॉयड दिया जाता है। इसके कारण अत्यधिक कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन करने की इच्चा होती है और अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट लेने से वजन बढ़ जाता है।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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