Bile Acid Problem: हम जो भी खाते हैं, उसे पचाने के लिए पित्त रस की जरूरत होती है। इसे आम भाषा में तेजाब या गैस्ट्रिक एसिड कहा जाता है। हालांकि, इसके लेवल का सामान्य रहना बहुत जरूरी होता है। अगर पित्त रस बढ़ जाए, तो इससे खट्टी डकारें और एसिडिटी की समस्या हो जाती है। वहीं, अगर पित्त रस का लेवल कम हे जाए, तो इससे पाचन सही से नहीं हो पाता है। पित्त लिवर में बनता है और पित्ताशय की थैली में जमा होता है। खाना पचाने के लिए ये रस छोटी आंत में छोड़ दिया जाता है। शरीर में यदि इसका संतुलन बिगड़ जाए, तो इससे पेट संबंधी कई समस्याएं हो सकती हैं। तो चलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं पित्त पढ़ने के लिए इससे राहत पाने के लिए किए जाने वाले घरेलू उपायों के बारे में-
पित्त बढ़ने के लक्षण
पित्त कम करने के लिए पिए काली किशमिश का पानी
जिन व्यक्ति को पित्त बढ़ने की समस्या हो, उनके लिए काली किशमिश का पानी पीना बहुत फायदेमंद होता है। दरअसल, इसमें नैचुरल एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं और यह ठंडा होता है। इसे बनाने के लिए मुट्ठी काली किशमिश लें और इसे रात भर पानी में भिगो दें। सुबह इन किशमिश को पीस लें और उसी पानी में मिलाकर पी लें, जिसमें किशमिश भिगोकर रखी थीं। इससे ब्लीडिंग, हेयर फॉल और एनीमिया से भी निजात मिलता है।
चावल का पानी
चावल का पानी भी पित्त को कम करने का सरल उपाय है। इसके लिए आप चावल बनाते वक्त उसका पानी उचार लें और उसे हल्का ठंडा करके पी लें। इसका तासीर ठंडा होता है, साथ ही ये पेट की अग्नि को भी करता है।
सौंफ का पानी
अपच और एसिडिटी को दूर करने के लिए सौंफा का पानी भी असरदार होता है। इसके लिए 4-5 चम्मच सौंफ को एक कक पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर पिएं, इससे पाचन में सहायता मिलेगी। इसके साथ ही ये जोड़ों की सूजन को भी कम करता है। यह पेट की अग्नि को भी शांत करता है।
( डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)