आम में विटामिन ए सी के अलावा सिट्रिक एसिड,कार्बोहाइड्रेट , सल्फाइड, गैलिक एसिड और आयरन होता है, जो गेंहू , चावल से भी ज़्यादा ताकत देता है और देर तक आपके पेट को भरा भी रखता है। इसलिए बार-बार भूख लगने जैसी समस्या भी नहीं होती। आम में लेप्टिन होता है यही भूख को कंट्रोल करता हैं वहीं आम की गुठली शरीर से अतिरिक्त चर्बी और वसा को निकालने में मदद करती है। आम के साथ जब आप दही को खाते हैं, तो वजन और भी जल्दी कम होने लगता है। यदि आप चाहते हैं कि एक से दो महीने में हो वजन कम होने लगे तो आम और दही खाना शुरू कर दीजिए।
क्यों खाएं दही और आम साथ-साथ
दही-आम साथ खाने से शरीर में जरूरी पोषक-तत्व जाते हैं। इसमें फैट नहीं होता इसलिए ये मोनो डाइट वेट लॉस के लिए बेहतर है। आप नाश्ते या लंच में केवल आम और दही खाते हैं तो ये आपके वेट को कम करने में बहुत तेजी से काम करेगा। इसे खाने के बाद आपको केवल पानी पीना होता है। करीब
तीन लीटर पानी पीना जरूरी होता है। मोनो डाइट किसी तरह का व्रत नहीं होता है, बल्कि ये एक तरह की डाइट थेरेपी है। इससे दिमाग तेज होता है और आपका मोटापा भी कम होता है। याद रखें जब आप दही और आम खा रहे हों तो इसके साथ कोई इन्य अनाज न लें। क्योंकि फिर आपका डाइट प्लान काम नहीं करेगा।
आम खाने के फायदे –
• कई आहार-विशेषज्ञों ने भी आम को वजन कम करने की दवा बताया है, क्योंकि इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है।
• आम का राज इसकी गुठली में छिपा हुआ है। आम की गुठली में घुलनशील रेशा और वसा मौजूद होता है।
• आम की गुठली में मौजूद रेशा और फैट शरीर से अतिरिक्त चर्बी को कम करने में बहुत सहायक होता है।
• आम खाने से भूख कम लगती है और शरीर से अतिरिक्त कैलोरी भी बर्न हो जाती है। आम में लेप्टिन नामक केमिकल होता है जिससे भूख कम लगती है।
• आम में लो कोलेस्ट्रॉल पाया जाता है। इसमें पाया जाने वाला एडिपोनेक्टिन, कोलेस्ट्राइल को कम करता है और इंसुलिन के निर्माण को बढाता है जिसके कारण अतिरिक्त वसा अपने-आप ऊर्जा में बदल जाता है।
• आम खाने से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढती है
आम में फाइबर भी होता है और जब ये दही के साथ मिलता है तो ये पाचन में भी बेहतर होता है। दही में प्रोटीन, कैल्शियम, राइबोफ्लेविन, विटामिन बी जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो डाइजेशन के लिए बेस्ट हैं।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।