पैनिक अटैक और एंग्जायटी अटैक दोनों काफी मिलता-जुलता है लेकिन इनमें काफी फर्क है। दोनों अटैक में तीव्रता और अविध अलग-अलग हैं। लेकिन कुछ ऐसी बाते हैं जो दो स्वास्थ्य स्थितियों को अलग करती हैं। सामान्य तौर पर पैनिक अटैक डर की वजह से आता है। एंग्जाइटी की तुलना में पैनिक अटैक में इंटेंस होता है। बता दें कि पैनिक अटैक अक्सर बिना कारण के होते हैं जबकि एंग्जाइटी अटैक चिंता या फिर मानसिक तनाव की वजह होने लगता है।
पैनिक अटैक में दिल की धड़कन, मतली या सांस की तकलीफ जैसे अन्य शारीरिक और मानसिक लक्षण देखने को मिलते हैं। एंग्जाइटी अटैक में अक्सर तनाव की वजह से आता है। अगर इसके समान्य लक्षणों के बारे में बात करें तो एंग्जाइटी, डर, चिंता इत्यादि शामिल हैं। लक्षण सामान होने की वजह से इसके उपचार भी लगभग एक जैसे ही है। हालांकि दोनों की स्थितियों को समझने के बाद ही आप इस बीमारी से जल्द-जल्द से ठीक हो सकते हैं। आइए जानते हैं दोनों के बीच का अंतर।
एंग्जाइटी और पैनिक अटैक के लक्षण क्या हैं?
पैनिक अटैक के लक्षणों में रेसिंग हार्टबीट, सीने में दर्द, चक्कर आना, सांस लेने में तकलीफ, पेट में दर्द, पसीना आना, नियंत्रण में कमी, अचानक मौत का डर या फिर डिप्रेशन हो सकता है। जबकि एंग्जाइटी अटैक में सीने में दर्द, मुंह सूखना, सिर चकराना, सुस्ती, चिड़चिड़ापन, ध्यान केंद्रित करने में असमर्थ, मांसपेशियों में दर्द, बेचैनी, सांस की तकलीफ, धड़कन तेज होना, नींद के पौटर्न में गड़बड़ी, चिंता जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। वहीं पैनिक अटैक और एंग्जाइटी अटैक में कई लक्षण एक जैसे हैं, लेकिन हम बताएंगे कुछ ऐसे लक्षण के बारे में जिससे आप दोनों में अंतर पता कर सकते हैं।
सामान्य कारण
पैनिक और एंग्जाइटी अटैक को अक्सर समान चीजों से शुरू होता है, जिनमें ड्राइविंग, सोशल प्रॉब्लम, किसी तरह का फोबिया, पुराना दर्द, बहुत अधिक कैफीन का सेवन, कोई दवा, हाइपरथायरायडिज्म या हाइपोथायरायडिज्म, ट्रामा आदि शामिल है।
पैनिक और एंग्जाइटी से निजात पाने के लिए अपनाएं ये उपाय
दवा के अलावा डॉक्टर से परामर्श कर के आप एंग्जाइटी और पैनिक अटैक के लक्षणों को कम कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव और कुछ बातों का खास ध्यान रखने की जरूरत है।