एलोवेरा के इस्तेमाल में बरतें सावधानी, नहीं तो हो सकती है बड़ी बीमारी

हेल्थ
Updated Jun 29, 2019 | 21:32 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

एलोवेरा के अब तक आपने सिर्फ फायदे सुने होंगे, लेकिन आपको पता है कि एलोवेरा कई बार सेहत के लिए ठीक नहीं होता। कुछ बीमारियों और परिस्थितयों में एलोवेरा से दूरी बनाए रखना जरूरी है।

 Aloe vera
Aloe vera  |  तस्वीर साभार: Instagram

एलोवेरा के जूस की बात हो या उसके जेल की लोग धड़ल्ले से इसे यूज करते हैं। कोइ भी समस्या हो उसमे एलोवेरा को लेने की सलाह दे दी जाती है, लेकिन ऐसा हर समय सही नहीं होता। कई बार कुछ बीमारियों में एलोवेरा को लेना बीमारी को बढ़ा देता हैं वहीं प्रेग्नेंसी में भी एलोवेरा से दूरी रखनी चाहिए क्योंकि इसका इफेक्ट भी बहुत अच्छा नहीं पाया गया है। 

इसलिए जब भी आप एलोवेरा का जूस लें या अपने सौंदर्य निखार के लिए इसके जेल का प्रयोग करें तो कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें, क्योंकि हो सकता है कि ये आपको फायदे की जगह नुकसान कर जाए। तो आइए जानें की कि परिस्थितियों या रोगों में एलोवेरा से दूरी बना लेनी चाहिए।

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जरूरत से ज्यादा करेगा फेस को नुकसान
अगर आप एलोवेरा के शुदध जेल का इस्तेमाल करते हैं तो ये आपके स्किन के लिए अच्छा नहीं होता। आम तौर पर लोग मुहांसों, ड्राई स्किन, दाग-धब्बे या स्ट्रेच मार्क्स पर एलोवेरा लेकर उसे रगड़ते हैं लेकिन यदि जरूतर से ज्यादा इसे स्किन पर लगाया जाए तो ये नुकसान करने लगता है क्योंकि एलोवेरा को काटने पर कई बार इसमें से पीले रंग का एक तरल पदार्थ निकलता है जो पूरी तरह से हटना जरूरी होता। ये पीला तरल पदार्थ लेटेक्‍स होता है और ये जहरीला होता है। एक्जिमा, रेशेज़ और अन्य त्वचा की समस्याएं इससे हो सकती हैं।

पोटेशियम का स्तर कम कर देता है एलोवेरा का जूस
किसी भी चीज की अति ठीक नहीं होती। अगर आप एलोवेरा के जूस को यह समझ कर ज्यादा मात्रा में या बार-बार पीते हैं कि ये सेहत के लिए फायदेमंद है तो सही नहीं होगा। एलोवेरा फायदेमंद है लेकिन सिमित मात्रा में। ऐलोवेरा का अगर जरूरत से ज्यादा लिया जाए तो ये शरीर में पोटेशियम की मात्र को कम कर देती है। इससे दिल की धड़कन का बढ़ना, बेहोशी आना या कमजोरी महसूस होना जैसी दिक्कत हो सकती है।

डायरिया का बन सकता है कारण
ऐलोवेरा में लैक्सेटिव और एंथ्राक्विनोन जैसे कई ऐसे तत्व होते हैं जो डायरिया के लिए जिम्मेदार होते हैं। इसलिए जिन्हें इरेटेबल बोवेल सिंड्रोम या गैस की समस्या हो उन्हें ऐलोवेरा का यूज नहीं करना चाहिए।

मिसकैरिज का होता है खतरा
प्रेग्नेंट महिलाओं को कभी भी एलोवेरा का यूज नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे मिसकैरिज का खतरा हो सकता है। मैरीलैंड मेडीकल सेंटर यूनीवर्सिटी की रिसर्च में ये बात सामने आई है कि एलोवेरा यूटेरिन कॉन्ट्रेक्शन उत्पन्न करता है जिससे मिसकैरिज का खतरा होता है। इतना ही नहीं 12 साल से छोटे बच्चों को भी एलोवेरा देने से बचना चाहिए। कई बार एलोवेरा लेने से बच्चों में जन्मजात रोग भी देखने को मिलते हैं। ब्रेस्ट फीडिंग के टाइम भी एलोवेरा नहीं लेना चाहिए।

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दवाओं को अवशोषित होने से रोकती है
ऐलोवेरा में पाया जाने वाला लैक्सेटिव कई बार दवाओं को शरीर में अवशोषित नहीं होने देता। इससे दवाओं का असर बाधित होने लगता है। इसलिए जब भी आप इसे लें अपने डॉक्टर से संपर्क जरूर करें ।

ये बात सच है कि एलोवेरा में बहुत गुण हैं लेकिन यदि सही तरीके से इसे न लिया जाए तो यह नुकसान कर सकता है। साथ ही इसे लेने के कई मेडिकल कंडिशन भी हैं इसलिए डॉक्टर से बात कर ही इसे लें।

डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। 

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