Nipah Virus in India : कोरोना वायरस की दूसरी लहर से बुरी तरह जूझ रहे केरल में एक और भयावह महामारी ने दस्तक दे दिया है। केरल के कोझिकोड में रविवार सुबह निपाह वायरस के चलते एक 12 साल के लड़के की मौत हो गई। वहीं राज्य के दो और लोगों में निपाह वायरस के लक्षण पाए गए हैं। इसने उच्च मृत्यु दर वाले घातक वायरस पर एक बार फिर सरकार का ध्यान केंद्रित किया है, जिसे पहली बार 1998 में मलेशिया में पाया गया था। भारत में इस वायरस की पुष्टि साल 2001 में पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में की गई थी।
उस दौरान इससे सैकड़ो लोग संक्रमित हुए थे और 40 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक केरल में साल 2018 में कई लोग इस भयावह महामारी के चपेट में आए थे, उस वक्त करीब 17 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। बता दें इस बीमारी की मृत्यु दर 40 से 80 प्रतिशत है। तथा इसके संक्रमण की अवधि कम से कम 14 दिन यानि दो सप्ताह है। ऐसे में आइए जानते हैं क्या है निपाह वायरस व इसके लक्षण, इलाज और इससे कैसे बचें।
What is Nipah Virus, क्या है निपाह वायरस
निपाह वायरस यानि एनआईवी एक जूनेटिक वायरस है, यह जानवरों से इंसानों में फैलता है। यह फ्लाइंग फॉक्स यानि फ्रूट बैट से जानवरों और इंसानो में तेजी से फैलता है। आमतौर पर यह सूअर, कुत्तों और घोड़ों को भी प्रभावित करता है। मुख्य रूप से लोग पक्षियों और जानवरों के जरिए इस भयावह महामारी के चपेट में आते हैं और फल चमगादड़ इसका सबसे बड़ा कारण है। यह जानवरों से इंसानों में तरल पदार्थ के जरिए फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक इससे संक्रमित लोगों को गंभीर बीमारियों और इंसेफेलाइटिस जैसे गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। निपाह वायरस ना केवल जानवरों के लिए ही घातक है बल्कि इंसानों के लिए भी जानलेवा साबित होता है।
Nipah Virus symptoms, निपाह वायरस के लक्षण
निपाह वायरस से संक्रमित लोगों में कोरोना वायरस के समान लक्षण दिखाई देते हैं। इसके शुरुआती लक्षण गले में खराश, तेज बुखार, मांसपेशियों में दर्द, सिर दर्द, चक्कर आना, थकान आदि हैं। यदि इसका सही समय पर इलाज ना किया जाए तो यह अपना भयावह रूप ले सकता है, जिसमें व्यक्ति सांस संबंधी बीमारियों व एन्सेफलाइटिस यानि मस्तिष्क में सूजन, मानसिक भ्रम, गर्दन में अकड़न और दिल संबंधी बीमारियों का शिकार हो सकता है। स्थिति ज्यादा गंभीर होने पर संक्रमित व्यक्ति को दौरे पड़ सकते हैं और 24 से 48 घंटे के बीच कोमा में जा सकता है।
इसके लक्षण किसी भी इसांन में 5 से 14 दिन के भीतर दिख सकते हैं, लेकिन कुछ मामलों में इसके लक्षण 45 से 50 दिनों में सामने आए हैं। वहीं कई मामले ऐसे भी आए हैं जिसमें संक्रमित व्यक्ति में कोई भी लक्षण नहीं देखे गए हैं, ये वायरस से जुड़ा सबसे खतरनाक पहलू है। क्योंकि आपको पता भी नहीं चलता और सैकड़ो लोग आपकी वजह से इस वायरस के चपेट में आ जाते हैं।
नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल की टीम ने सभी को सतर्क रहने और बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत स्वास्थ्य कर्मियों को सूचित करने की सलाह दी है। आपको बता दें इस बीमारी की मृत्यु दर 40 से 80 प्रतिशत है। ऐसे में इसके लक्षण दिखने पर तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें और जांच करवाएं।
Nipah Virus treatment, निपाह वायरस का इलाज
निपाह वायरस का वर्तमान में कोई उपचार उपलब्ध नहीं है। इन लक्षणों के दिखने पर तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें तथा स्वास्थ्य कर्मियों को सूचित करें, ताकि इसके भयावह लक्षणों के चपेट में आने से आपको बचाया जा सके। इस वायरस की पुष्टि के बाद आपको डॉक्टर द्वारा एन्सेफलाइटिस और अन्य गंभीर लक्षणों से बचने के लिए दवा दी जाएगी। निपाह वायरस के चपेट में आने के बाद भूलकर भी बिना डॉक्टर की सलाह के दवा ना लें, क्योंकि इससे आपकी तबियत अचानक बिगड़ सकती है।
How to prevent Nipah Virus, निपाह वायरस से कैसे बचें
निपाह वायरस का अभी कोई इलाज या टीका उपलब्ध नहीं है, ऐसे में आपको अधिक सावधानी की आवश्यकता है। यदि कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो आप इस भयावह वायरस के चपेट में आने से बच सकते हैं। इसके लिए फलों के चमगादड़ और सुअर के संपर्क में आने से बचें, जमीन या फिर सीधे पेड़ से गिरे फल ना खाएं। फल खाने से पहले इसे अच्छे से धोएं। तथा मास्क लगाकर रखें और समय समय पर हांथ धोते रहें व दो गज दूरी बनाकर रखें। वहीं इसके लक्षण दिखने पर सबसे पहले खुद को क्वारंटाइन करें और अपने डॉक्टर से सलाह लें।