What is Norovirus: फेस्टिव सीजन के बाद देश के कई हिस्सों में जहां कोरोना वायरस के मामलों की संख्या में एक बार फिर से बढ़ोतरी दर्ज की गई है, वहीं उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में जीका वायरस को लेकर भी चिंता बढ़ती जा रही है। इस बीच केरल में अब नोरोवायरस का मामला सामने आया है, जिसने एक अलग तरह की टेंशन बढ़ा दी है। केरल के वायनाड में इस बीमारी से पीड़ित 13 लोगों के बारे में पता चला है, जिसके बाद राज्य सरकार ने इस संबंध में नए सिरे से गाइडलाइंस जारी की है और लोगों से सतर्क रहने को कहा है। आखिर क्या है यह बीमारी? कैसे फैलता है नोरोवायरस का संक्रमण और क्या हैं इसके लक्षण तथा बचाव के उपाय?
नोरोवायरस पेट से जुड़ी बीमारी है, जो सीधे हमारे पाचन-तंत्र व आंतों पर हमला करता है। हालांकि इंसानों पर इसका बहुत प्रभाव नहीं देखा गया है, लेकिन यह छोटे बच्चों, बुजुर्गों और अन्य स्वास्थ्य परेशानी झेल रहे लोगों के लिए गंभीर हो सकता हे। यह पशुओं के जरिये इंसानों में फैलने वाला संक्रामक रोग है और संभवत: यही वजह है कि केरल के वायनाड में जिन 13 लोगों के इस बीमारी से पीड़ित होने की जानकारी सामने आई है, वे सभी विथिरी के पास पुकोडे में एक पशु चिकित्सा कॉलेज के स्टूडेंट्स हैं। सरकार का कहना है कि हालात नियंत्रण में है और वायरस का संक्रमण आगे फैलने की सूचना नहीं है। सरकार पशु चिकित्सा विज्ञान कॉलेज के छात्रों का एक डेटा भी तैयार कर रही है।
जैसा कि पहले कहा जा चुका है, नोरोवायरस का संक्रमण पशुओं से इंसानों में फैलता है। इसके बाद किसी अन्य मनुष्य के जरिये यह दूसरों में फैल सकता है। इसका संक्रमण दूषित भोजन के साथ-साथ दूषित पानी के जरिये भी फैलता है। एक इंसान से दूसरे इंसान में इस वायरस का संक्रमण तेजी से फैलता है। कोई भी संक्रमित व्यक्ति नोरोवायरस के करोड़ों कण फैला सकता है, जबकि किसी अन्य को संक्रमित करने के लिए कुछ ही कण काफी होते हैं। यह संक्रमित व्यक्ति के किसी भी तरह से संपर्क में आने से फैल सकता है। यहां तक कि यह संक्रमित व्यक्ति के मल या उल्टी अथवा थूक से भी इसका संक्रमण किसी स्वस्थ इंसान में फैल सकता है।
नोरोवायरस चूंकि पेट से जुड़ी बीमारी है, इसलिए इसमें उल्टी, पेट दर्द, दस्त, जी मिचलाना जैसे प्रमुख लक्षण रोगियों में देखे गए हैं। इसके अतिरिक्त तेज बुखार, सिरदर्द और बदन दर्द भी इस बीमारी के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं। ये लक्षण आम तौर पर संक्रमण की चपेट में आने के एक से दो दिन के बाद नजर आते हैं। इस बीमारी से संक्रमित लोगों को अगर उल्टी और दस्त अधिक होता है तो उनके शरीर में पानी की कमी हो सकती है, जिससे उनकी स्वास्थ्य जटिलताएं बढ़ सकती हैं।
केरल सरकार ने अपनी गाइडलाइंस में नोरोवायस से बचाव को लेकर कहा है कि जो लोग भी इससे संक्रमित हैं, उन्हें घर में आराम करना चाहिए। बीमार लोगों को ORS का घोल और उबला पानी नियमित अंतराल पर पीते रहने की सलाह दी गई है, ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो। केरल सरकार ने जो गाइडलाइंस जारी की है, उसमें जानवरों के साथ संपर्क में रहने वाले लोगों को जहां खास सावधानी बरतने के लिए कहा गया है, वहीं पानी को साफ करने के लिए क्लोरीन का इस्तेमाल भी किया जा रहा है और लोगों को एक-दूसरे के साथ खाना-पीना शेयर नहीं करने की सलाह भी दी गई है। साथ ही खाने से पहले और शौचालय के बाद हाथों को साबुन व पानी से अच्छी तरह धोने के लिए भी कहा गया है। कपड़ों और शौचालयों की साफ-सफाई पर भी ध्यान देने को कहा गया है।