फ्राई करने और कुकिंग के लिए अलग होना चाहिए ऑयल, जानें खाने में कौनसा तेल है सबसे बेहतर

Best cooking oil : खाने में किस तेल का प्रयोग करना चाहिए, इसे लेकर भी लोगों में बहुत कंफ्यूजन होता है। प्रयोग के आधार पर तेल का चयन करना चाहिए। तेल के स्मोकिंग प्वाइंट से जानें, कौन सा तेल होगा बेहतर।

स्मोकिंग प्वाइंट से तय करें तेल की बेस्ट क्वालिटी
Which oil will be best for frying and cooking, कुकिंग के लिए कौन सा तेल होता है बेस्ट 
मुख्य बातें
  • हाई स्मोकिंग प्वाइंट वाला तेल तलने के लिए करें प्रयोग
  • लो स्मोकिंग प्वांइट वाले तेल ज्यादा गर्म न करें
  • स्मोक प्वाइंट की जांच कर तेल का चयन करें

खाने में तेल का प्रयोग होता ही है, लेकिन कौनसा तेल बेस्ट होगा इसे लेकर हमेशा ही मन में कंफ्यूजन बना रहता है। बाजार में इतने प्रकार के तेल मौजूद हैं और सभी खुद को सबसे बेहतर बताने हैं। ऐसे में ये समझ पाना चुनौती से कम नहीं कि जो हम तेल प्रयोग कर रहे वो कितना बेहतर है। लेकिन आपको यहां ऐसे टिप्स देने जा रहे जिससे आप तेल को लेकर अपने दिमाग में चल रहे कंफ्यूजन को आसानी से दूर कर सकते हैं। तेल खाना जरूरी है, लेकिन कौन सा तेल खाएं ये आपके प्रयोग पर निर्भर करता है। यानी आप तलने के लिए तेल का प्रयोग करने जा रहे, या भूनने के लिए या सलाद आदि में ऊपर से डालने के लिए। तेल का स्मोकिंग प्वाइंट ये तय करता है आपको किस काम के लिए कौन  सा तेल लेना चाहिए।  

तेल खाना भी होता है जरूरी

खाने में तेल का प्रयोग शरीर के लिए भी जरूरी होता है, क्योंकि इसमें कई विटामिन जैसे-ए, डी और ई के फैट सॉल्यूबल होते हैं। यानी इनका शरीर में अवशोषण तभी होता है जब ये ऑयल के साथ मिक्स होते हैं। ये विटामिन जोड़ों में चिकनाई बनाए रखते हैं और सूजन कम करने में मदद करते हैं।

सनफ्लावर, राइस ब्रान और सरसों का तेल

ये तीन तेल आप अपने खाने में प्रयोग तब करें जब आपकों कुछ तलना है। यानी इन तेल को ज्यादा गर्म करने से नुकसान नहीं होता है। तीनों ही तेल का स्मोक प्वाइंट 227 डिग्री सेल्सियस है। यानी तलने यानी डीप फ्राई के लिए ये तेल सबसे बेस्ट हैं। साधारणत: जब हम कुछ भी तलते हैं तो तेल का तापमान 177 डिग्री सेल्सियस तक होता है, क्योंकि इन तीनों तेल का तापमान काफी ज्यादा है इसलिए इसे गर्म करना हानिकारक नहीं होता है। दिल के मरीजों को राइस ब्रान ऑयल यूज करना ज्यादा बेहतर होता है। इन तेल का प्रयोग तड़का देने या तलने के लिए प्रयोग किया जा सकता है।

एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल और अलसी का तेल

एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल या फ्लेक्स सीड का बर्निंग प्वाइंट यानी स्मोकिंग प्वाइंट बहुत कम होता है, इसलिए इस तेल को ज्यादा गर्म नहीं करना चाहिए। इन दोनों ऑयल को आप सलाद, रॉ फ़ूड मैटेरियल्स और स्मूदीज में कच्चा प्रयोग कर सकते हैं, लेकिन इनका तेज गर्म कर के प्रयोग न करें। इन दोनों ही तेलों का स्मोकिंग प्वाइंट 160 डिग्री सेल्सियस ही होता है। यदि ये तेल अपने स्मोकिंग प्वाइंट से ज्यादा गर्म हो जाएं एंटी-इन्फ्लैमेटरी गुणों से भरा ये तेल कैंसरकारक बन जाता है। इन तेल में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है और बैड-कोलेस्टेरॉल को कम करते हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड डिप्रेशन, स्ट्रेस, मूड स्विंग, पीरियड क्रैम्प्स, अस्थमा से भी बचाता है।

सैचुरेटेड ऑयल्स का प्रयोग

नारियल तेल, मक्खन और घी सैचुरेटेड ऑयल्स हैं और इनका स्मोकिंग ऑयल 177 डिग्री सेल्सियस होता है। यानी ये भी ज्यादा गर्म करने के लिए प्रयोग नहीं किए जा सकते। सैचुरेटेड फैट से शरीर में ट्रायग्लिसराइड्स और कोलेस्टेरॉल की मात्रा बढ़ती है जो हार्ट से लेकर कैंसर तक का कारण बन सकते हैं। ये तुंरत गर्म हो कर 1777 डिग्री सेल्सियस से ऊपर कैंसर के जोखिम को बढ़ाते हैं।

डेली कुक‌िंग के लिए सनफ्लावर ऑयल, सरसों का तेल या राइस ब्रान ऑइल का इस्तेमाल करें और सलाद आदि में एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल का यूज करें।

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