Tips for Sugar patients: जिस दिन किसी व्यक्ति को खुद के डायबिटीज(मधुमेह) से पीड़ित होने का पता चलता है, उसी वक्त से उसे अपने ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने के लिए जीवनशैली में कुछ बदलाव करने की जरूरत होती है। डायबिटीज वाले लोग जहां अपने ब्लड शुगर लेवल को काबू में रखने के लिए नियमित रूप से अपनी डाइट और व्यायाम पर ध्यान देते हैं, वहीं उन्हें अपने ब्लड शुगर लेवल्स पर भी नज़र रखने की जरूरत होती है। क्या आप जानते हैं कि ब्लड शुगर लेवल्स पर नजर रखना क्यों जरूरी है।
डायबिटीज एक मूक महामारी (Silent Pandemic) के तौर पर उभरा है जिसने भारत में करोड़ो लोगों को प्रभावित किया है। डायबिटीज एक दीर्घकालीन बीमारी है, जो खून में मौजूद ग्लूकोज का इस्तेमाल करने की शरीरिक क्षमता को प्रभावित करती है। डायबिटीज आमतौर पर दो प्रकार का होता है, टाइप-1, जहां अग्न्याशय (Pancreas) इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता, और टाइप-2 डायबिटीज, जो तब विकसित होता है जब अग्न्याशय पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता, या जब शरीर इंसुलिन के लिए अवरोध उत्पन्न (Insulin resistance) करता है या शरीर इंसुलिन का उपयोग करने में सक्षम नहीं होता।
ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करना क्यों जरूरी है?
डायबिटीज वाले लोगों को हमेशा अपने ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रण में रखने की सलाह दी जाती है क्योंकि अनियंत्रित ब्लड शुगर गंभीर परेशानियां पैदा कर सकता है जैसे
कभी-कभी अनियंत्रित ब्लड शुगर लेवल, ब्लड सर्कुलेशन (रक्त परिसंचरण) को प्रभावित करता है, जिससे उस भाग में नेक्रोसिस या टिश्यूज मर सकते हैं। कभी-कभी यह नेक्रोसिस अंग विच्छेदन का कारण बन सकता है।
नियमित रूप से ब्लड शुगर लेवल पर नज़र रखकर, डायबिटीज वाले लोग अपने ब्लड शुगर लेवल्स के बारे में जान सकते हैं और यदि वे अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल नहीं कर सकते तो अपने डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं।
नियमित रूप से अपने ब्लड शुगर लेवल पर नजर रखने के क्या लाभ हैं?
जब डायबिटीज डायग्नोज हो जाता है, तो डायबिटीज वाले लोग शुरू में अपना अच्छी तरह से ध्यान रखते हैं और अपनी जीवन शैली में बदलाव करते हैं। वे नियमित रूप से व्यायाम करते हैं और सलाह के अनुसार अपने ब्लड शुगर लेवल पर भी नज़र रखते हैं। लेकिन समय के साथ, डायबिटीज वाले कुछ लोग अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में रुचि खो देते हैं, जो सही नहीं है। डायबिटीज वाले लोगों को ग्लूकोमीटर की मदद से घर पर नियमित रूप से अपने ब्लड शुगर का परीक्षण करवाना चाहिए। आम तौर पर भूखे पेट की ब्लड शुगर लेवल्स 100 से 130 एमजी/डीएल के बीच और खाने के 2 घंटे बाद ब्लड शुगर का लेवल 140 से 180 एमजी/ डीएल के बीच होना चाहिए, जबकि HbA1C या ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन लेवल्स 7% से कम होना चाहिए। अपने डॉक्टर से परामर्श करके यह सुनिश्चित करें के आप के लिए ब्लड शुगर का क्या लक्ष्य होना चाहिए। यदि ये पैरामीटर्स लक्ष्य से ऊपर या नीचे जाते हैं, तो किसी भी तरह की जटिलता को विकसित होने से रोकने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
डायबिटीज एक दीर्घकालीन स्थिति है, और डायबिटीज से पीड़ित लोगों को अपने डॉक्टर्स से अपनी स्थितियों और ब्लड शुगर लेवल्स को नियंत्रित करने में मदद करने के तरीकों के बारे में पूछने में किसी तरह का संकोच नहीं करना चाहिए। डायबिटीज वाले लोगों को यह समझना चाहिए कि डायबिटीज और इसकी जटिलताओं को मैनेज करने के लिए अपने ब्लड शुगर लेवल्स को नियंत्रित करना आवश्यक है। आप अपने ब्लड शुगर लेवल्स को नियंत्रण में रखकर खुशी से जी सकते हैं।
लेखक : डॉ. रमेश गोयल, एमडी, डीएम (एंडोक्राइनोलॉजी), अपोलो हॉस्पिटल, अहमदाबाद
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में लेखक ने अपनी राय साझा की है। ये टाइम्स नाउ नवभारत के विचार नहीं हैं।