नई दिल्ली: आज विश्व अल्जाइमर दिवस है। एक ऐसी बीमारी जिसका शिकार इस समय विश्व भर में करीब पच्चास लाख से ज़्यादा लोग हैं। इस बीमारी का शिकार बुजुर्ग ज्यादा होते हैं। साथ ही बढ़ती उम्र के साथ अल्जाइमर का खतरा भी बढ़ता जाता है।
यह एक ऐसी बीमारी है जहां रोगी खुद से जुड़ी चीजों को भूलने लग जाता है। अपने परिवार वालों और रिश्तेदारों की पहचान खत्म हो जाती है। यहां तक कि मरीज खाना-पीना भी भूल जाता है। इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विश्व अल्जाइमर दिवस मनाया जाता है। हर साल सितंबर के महीने को अल्जाइमर महीना और 21 सितंबर को विश्व अल्जाइमर दिवस के रूप में मनाया जाता है। 2012 से इसकी शुरुआत हुई थी। इस साल विश्व भर में 9वां अल्जाइमर महीना (Alzheimer's Month) मनाया जा रहा है।
क्यों होता है अल्जाइमर ?
वैसे तो अल्जाइमर की सही वजह का अभी तक पता नहीं लग पाया है। लेकिन ऐसा माना जाता है कि मस्तिष्क के टीशू को नुक्सान पहुंचने की वजह से यह बीमारी होती है। कई बार लंबे समय तक सामाजिक दूरी और अकेलेपन की वजह से भी लोग इसका शिकार हो जाते हैं। चिंता की बात यह है कि अभी तक अल्जाइमर का कोई सटीक इलाज उपलब्ध नहीं है। युवा अवस्था में भी कई अलग-अलग कारणों से इसकी चपेट में आ जाते हैं।
क्या होते हैं अल्जाइमर के लक्षण ?
कैसे करें अलजाइमर से बचाव ?
कुछ बहुत ही सरल उपायों से अल्जाइमर को दूर रखा जा सकता है। अल्जाइमर के मरीजों को पौष्टिक भोजन लेना चाहिए साथ ही लोगों से मिलते जुलते रहना चाहिए। साधारण व्यक्ति भी अगर इस बीमारी को खुद से दूर रखना चाहता है तो अपने पसंद की किताब पढ़ने में अपना मन लगा सकता है। अपने मनपसंद संगीत को भी सुनना मस्तिष्क को बहुत सुकून देता है। अपने मन मुताबिक चीजों को लिखने का भी अपना ही मजा है। इससे मनुष्य को संतुष्टि मिलती है और वो तनाव से दूर रहता है। इंडोर गेम भी तनाव को दूर रखने का एक शानदार उपाय है। योग से शारिरिक और मानसिक दोनों तरह की संतुष्टि प्राप्त होती है। अल्जाइमर को दूर रखने के लिए आपको जिन अच्छी चीजों से संतुष्टि प्राप्त होती है उसे अपने जीवन का हिस्सा बना लें और तनावमुक्त रहें।