नई दिल्ली: देश-दुनिया में पिछले साल से कोरोना का ही कहर छाया हुआ है और विश्व की तमाम आबादी इससे बुरी तरह से प्रभावित है, अगर ये कहा जाए कि कोविड संक्रमण ने दुनिया का ताना-बाना ही छिन्न-भिन्न कर दिया है तो गलत ना होगा। वहीं कई ऐसी बीमारियां हैं जो कोरोना से भी अधिक गंभीर मानी जाती हैं उन्हीं में से एक है-हेपेटाइटिस (Hepatitis) जिसकी चपेट में आबादी का एक हिस्सा है, वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे (World Hepatitis Day 2021) के मौके पर जानें इसके जु़ड़ी कुछ अहम जानकारियां...
हेपेटाइटिस से लिवर में सूजन हो जाती है, जो गंभीर लिवर की बीमारी और हेपोटोसेलुलर कैंसर का कारण बन सकती है, यह यकृत (Liver) की सूजन, आमतौर पर एक वायरल संक्रमण के कारण होती है इस बीमारी से जुड़ी खास बात ये कि दुनिया भर के कई लोगों का हेपेटाइटिस से ग्रसित होने के बावजूद उन्हें इसकी जानकारी नहीं होती, जिससे इस बीमारी से जुड़े रिस्क और बढ़ जाते हैं।
हेपेटाइटिस एक बीमारी है आसान शब्दों में इसे लिवर में हेपेटाइटिस वायरस का इन्फेक्शन कह सकते हैं, यह वायरस खून, असुरक्षित सेक्स, दूसरों के उपयोग की गई सूई के अलावा मां से उसके नवजात बच्चे में भी फैलता है। हेपेटाइटिस पांच प्रकार का होता है- A,B,C,D और E,बताते हैं कि इनमें B और C सबसे अधिक खतरनाक माने गए हैं जबकि हेपेटाइटिस A और E ज्यादा खतरनाक नहीं हैं, अभी केवल हेपेटाइटिस A, हेपेटाइटिस B और हेपेटाइटिस E के लिए ही वैक्सीन उपलब्ध है।
विश्व हेपेटाइटिस दिवस हर साल 28 जुलाई को वायरल हेपेटाइटिस के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है, यकृत की सूजन जो गंभीर जिगर की बीमारी और हेपेटोसेलुलर कैंसर (hepatocellular cancer) का कारण बनती है। इस साल की थीम है- "Hepatitis can’t wait" यानी "हेपेटाइटिस इंतजार नहीं कर सकता", जो 2030 तक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे के रूप में हेपेटाइटिस को खत्म करने के लिए आवश्यक प्रयासों की तात्कालिकता को बताता है। हेपेटाइटिस से संबंधित बीमारी से हर 30 सेकंड में एक व्यक्ति की मृत्यु के साथ - यहां तक कि वर्तमान COVID-19 संकट में भी हम वायरल हेपेटाइटिस पर कार्रवाई करने के लिए इंतजार नहीं कर सकते।
Hepatitis A क्या है-
इसका वायरस पानी और खाने के जरिए शरीर में आता है। वायरस का इन्फेक्शन होने के 15 से 45 दिन में लक्षण सामने आते हैं। ज्यादातर सभी मामलों में ए वायरस खुद-ब-खुद चला जाता है। हेपटाइटिस ए की वैक्सीन है और ये लिवर को अमूमन नुकसान नहीं पहुंचाता।
Hepatitis B है जानलेवा-
हेपेटाइटिस B का वायरस खून, सीमन और शरीर के अन्य तरल पदार्थ के जरिए संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में पहुंचता है, खास बात ये ही हेपेटाइटिस B बेहद साइलेंटली यानी शांति के साथ किसी पर अटैक करता है और व्यक्ति को इसके बारे में जानकारी ही नहीं हो पाती है। इस बीमारी में जोड़ों में दर्द, पेट में दर्द, उल्टी और कमजोरी का अहसास होता है और हमेशा थकान सी लगती है। स्किन का रंग पीला हो जाता है और आंखों का सफेद हिस्सा भी पीला पड़ जाता है बुखार आ जाता है अगर इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
Hepatitis C के क्या हैं लक्षण-
बताया जाता है कि हेपेटाइटिस C वायरस का इन्फेक्शन होने के कुछ समय बाद यानी करीब डेढ़ से दो महीने बाद लक्षण दिखते हैं, वैसे एकदम ऐसा नहीं है बल्कि कई केसेज में ये सिम्पट्म्स दिखने में एक महीने से चार महीने भी लग जाते हैं, ऐसे मामलों को Accute कहा जाता है, जबकि संक्रमण 6 महीने से ज्यादा समय से हो, तब वह क्रॉनिक कहलाता है इसका इलाज मुश्किल हो जाता है।
Hepatitis D-
हेपेटाइटिस डी को डेल्टा वायरस भी कहते हैं. यह एक तरह का इंफेक्शन है और इससे लिवर में जलन और सूजन की समस्या हो जाती है।
Hepatitis E-
हेपेटाइटिस E का वायरस संक्रमित पानी पीने से किसी इंसान के शरीर में प्रवेश कर सकता है। दूषित खाने से भी इसका वायरस इंसानों के शरीर में प्रवेश करता है यह भी लिवर को प्रभावित करता है।
लिवर में होने वाली किसी भी शुरुआती समस्या में पीलिया, लिवर का फैटी होना, सूजन, जलन आदि हो सकता है और इस तरह की कोई भी परेशानी सही इलाज के अभाव में हेपेटाइटिस जैसी गंभीर समस्या को जन्म देती है, ब्लड टेस्ट से इसकी पहचान की जा सकती है।
इससे लड़ने का हथियार सिर्फ टीका ( Vaccine) है-
अभी क्रॉनिक हेपेटाईटिस बी (Chronic Hepatitis) का कोई इलाज नहीं है, लेकिन अच्छी बात ये है कि ऐसे इलाज उपलब्ध हैं, जो इस बीमारी के बढ़ने की गति को धीमा कर सकते हैं, बताते हैं कि यदि हेपेटाईटिस बी के वायरस कम मात्रा में पैदा हों तो लीवर को कम क्षति पहुंचेगी। हेपेटाइटिस बी की रोकथाम की जा सकती है इससे लड़ने का हथियार सिर्फ टीका है यानी टीकाकरण (Hepatitis Vaccine) से बचा जा सकता है।