World Rabies Day 2021: हर वर्ष 28 सितंबर को वर्ल्ड रेबीज डे मनाया जाता है। यह एक वायरल इंफेक्शन है जो लायसावायरस के कारण होता है। इंसान के शरीर में यह वायरस कुत्ते, बिल्ली और बंदर जैसे जानवरों के काटने से प्रवेश करता है। यह वायरस पालतू जानवरों के वजह से भी इंसान के शरीर में प्रवेश कर सकता है। इंसान का खून जब जानवरों के लार के साथ संपर्क में आता है तब रेबीज का खतरा बढ़ जाता है। रेबीज को एक जानलेवा रोग माना गया है। जानकार बताते हैं कि रेबीज के लक्षण बहुत देर बाद नजर आते हैं इसलिए समय रहते इस रोग का पता लगाना बहुत आवश्यक है। जब रेबीज का वायरस इंसान के नर्वस सिस्टम में पहुंच जाता है, तब यह दिमाग में सूजन पैदा करता है जिसकी वजह से कोमा जैसी परिस्थिति भी उत्पन्न हो सकती है। यह वायरस इंसान की त्वचा, मांसपेशियो और रीड की हड्डी को भी प्रभावित करता है।
क्या हैं रेबीज के लक्षण?
अगर किसी इंसान को तेज बुखार, सिरदर्द, घबराहट या बेचैनी, पानी से डर, खाना-पीना खाने में कठिनाई, व्याकुलता, अनिद्रा और चिंता जैसी परेशानी आ रही है तो यह रेबीज के लक्षण हैं। जब किसी इंसान को रेबीज होता है तब अत्यधिक लार भी निकलता।
जानवर के काटने पर क्या करना चाहिए?
अगर किसी कुत्ते या बंदर ने आपको काट लिया है तो बिना विलंब किए डॉक्टर से इलाज करवाएं। तब तक जहां जानवर ने काटा है वहां 10 से 15 मिनट के लिए साबुन से साफ करें।
जब जानवर काटे तब क्या नहीं करना चाहिए?
अगर किसी जानवर ने आपको काट लिया है तो तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाएं और किसी भी तरह की लापरवाही ना बरतें। जहां जानवर ने काटा है वहां डॉक्टर की सलाह लिए बिना कोई इलाज ना करें। जख्म पर मिर्ची ना लगाएं।
72 घंटे के अंदर लगाएं वैक्सीन या एआरवी का टीका
अगर आपको किसी जानवर ने काटा है तो 72 घंटे के अंदर डॉक्टर से इसका इलाज करवा लें। बता घंटे के बाद इलाज करने से फायदा नहीं मिलता है। अगर हल्का सा भी निशान पड़ा है तो एंटी रेबीज इंफेक्शन उपयोग जरूर करें।