नई दिल्ली. अंडा वेज है या नॉन वेज ये सवाल उतना ही पेचीदा है जितना पहले अंडा आया या मुर्गी? कई वेजिटेरियन लोग अंडे को वेज डिश समझकर खाते हैं। वहीं, कई लोग ऐसे होते हैं जो चिकन मटन को हाथ भी नहीं लगाते लेकिन, अंडा बड़े मजे से खाते हैं। ऐसे में अब साइंटिस्ट ने इस गुत्थी को सुलझाने की कोशिश की है।
वेज होता है अंडा
साइंटिस्ट्स के मुताबिक, अंडा शाकाहारी होता है।यह तो हर किसी को पता है कि अंडे के तीन हिस्से होते हैं- छिलका, अंडे की जर्दी और सफेदी। रिसर्च के मुताबिक, अंडे की सफेदी में सिर्फ प्रोटीन मैजूद होता है। उसमें जानवर का कोई हिस्सा मौजूद नहीं होता। ता कारण,तकनीकी रूप से एग वाइट शाकाहारी होता है। ऐसे में यदि आप जिम जा रहे हैं और आप शाकाहारी हैं तो आप एग व्हाइट खा सकते हैं।
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नॉन वेज भी होता है अंडा
अंड के अंदर का पीला हिस्सा जिसे एग योक कहते हैं। उसमें भी सबसे ज्यादा प्रोटीन, कोलेस्ट्रोल और फैट मौजूद होता है। लेकिन जो अंडे मुर्गी और मुर्गे के संपर्क में आने के बाद दिए जाते हैं, उनमें गैमीट सेल्स मौजूद होता है, जो उसे मांसाहारी बना देता है। गौरतलब है मुर्गी पैदा होने के 6 महीने बाद हर 1 या डेढ़ दिन में अंडे देती ही है, भले ही वो किसी मुर्गे के संपर्क में आए चाहे ना आए। इन अंडों को ही अनफर्टिलाइज्ड एग कहा जाता है। इनसे कभी चूजे नहीं निकल सकते।
वेट कंट्रोल करता है अंडा
अंडा आपके वजन को कंट्रोल करने में काफी मददगार है। दरअसल, अंडा खाने के बाद भूख शांत हो जाती है। इसे खाने के बाद देर तक आपका पेट भरा रहता है और आप ओवरईटिंग से बच जाते हैं। अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो अंडे का सिर्फ सफेद भाग ही खाएं क्योंकि पीले वाले हिस्से में कॉलेस्ट्रोल काफी ज्यादा होता है।