मुरादाबाद: कुछ दिन पहले यूपी के मुरादाबाद में एक मेडिकल औऱ पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया था। यह टीम मुरादाबाद के नागफनी थाना क्षेत्र के हॉटस्पॉट नवाबपुरा में कोरोना पॉजिटिव पीतल कारोबारी की मौत के बाद उनके परिजनों को क्वारंटीन करने गई थी। भीड़ ने इस कदर पत्थरबाजी की कि इसमें एक डॉक्टर, फार्मासिस्ट सहिंत पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। बाद में पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए 17 पत्थरबाजों को अऱेस्ट कर लिया जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं।
14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा
इन्हीं पत्थरबाजों के लिए गुरुवार तड़के 3 बजे अदालत बैठी और सवा पांच बजे कोर्ट ने सभी को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। दरअसल पुलिस ने जब से इन्हें गिरफ्तार किया था तो तत्काल कोर्ट में पेश करने की गुजारिश की थी। अदालत ने भी स्थितियों को ध्यान में रखा और सुबह तीन बजे रिमांड मजिस्ट्रेड के आवास पर सुनवाई हुई। काफी देर तक चली अदालती कार्रवाई के बाद सात महिलाओं समेत सभी 17 पत्थरबाजों को जेल भेज दिया गया।
पुलिस को थी आशंका
अमर उजाला की खबर के मुताबिक, इस मामले में पुलिस फूंक-फूंक के कदम रख रही है। चूंकि थाना नागफनी से कुछ कदम की दूरी पर यह बवाल हुआ था और सारे आरोपी भी नागफनी एरिया के ही थे इसलिए पुलिस को आशंका थी कि कहीं सुबह होते-होते थाने में भीड़ ना जमा हो जाए। अगर ऐसा होता तो हालात बिगड़ सकते थे इसलिए रात में ही सुनवाई हुई और आरोपी जेल भेज दिए गए।
एनएसए के तहत होगी कार्रवाई
सभी आरोपियों को जेल में भी क्वारंटीन किया गया है। दरअसल सभी आरोपी उसी कोरोना हॉट-स्पॉट से ताल्लुक रखते हैं जहां पहले एक कोरोना मरीज की मौत हो चुकी है। इसलिए सभी को जेल में अलग-अलग रखा जाएगा। बुधवार को ही यूपी के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया था कि सभी गिरफ्तार लोगों के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई होगी और किसी भी दोषी को नहीं बख्शा जाएगा।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों की संख्या शुक्रवार को बढ़कर 805 हो गई है। राज्य में इस संक्रमण से 13 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 74 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं।
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