नई दिल्ली: कोरोना के खिलाफ जंग में केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकारें भी मजबूती से खड़ीं हैं और इससे निपटने के लिए तमाम डॉक्टर्स, सपोर्टिंग स्टॉफ बगैर अपनी परवाह किए लगे हुए हैं, शायद इन्हीं लोगों की मेहनत है कि तमाम पेशेंट इस संकट से उबर भी आए हैं लोग इनके काम को खासी सराहना कर रहे हैं वहीं समाज के कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें ये हेल्थ वर्कर दुश्मन नजर आ रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में बुधवार को ऐसा ही वाकया पेश आया जब वहां के नवाबगंज इलाके में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की एक टीम पर उस समय हमला किया गया जब वे इलाके में महामारी कोरोना वायरस के दो संदिग्ध लोगों को लेने गए थे। भीड़ ने एंबुलेंस और डॉक्टरों पर पथराव किया। स्वास्थ्यकर्मियों को बचाने के लिए आई पुलिस वैन पर भी पथराव किया गया।
वहीं पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस और स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने के मामले में 17 लोगों को गिरफ्तार किया है इनमें 10 पुरुष और 7 महिलाएं बताई जा रही हैं, इनपर अब मामला चलेगा।
पुलिस का कहना है कि ड्रोन कैमरों की मदद से पकड़े गए लोगों की पहचान की गई और फिर इन्हें दबोचा गया। घटना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा था, 'स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर्स व कर्मी, सभी सफाई अभियान से जुड़े अधिकारी/कर्मचारी, सुरक्षा में लगे सभी पुलिस अधिकारी व पुलिस विभाग के कर्मी इस आपदा की घड़ी में दिन रात सेवा कार्य में जुटे हैं। मुरादाबाद में पुलिस, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता अभियान से जुड़े कर्मियों पर हमला एक अक्षम्य अपराध है, जिसकी घोर निंदा की जाती है।
ऐसे दोषी व्यक्तियों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम तथा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कार्रवाई की जाएगी। दोषियों द्वारा की गई राजकीय संपत्ति के नुकसान की भरपाई उनसे सख्ती से की जाएगी। जिला पुलिस प्रशासन ऐसे उपद्रवी तत्वों को तत्काल चिन्हित करे और प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा के साथ ही उपद्रवी तत्वों पर पूरी सख्ती भी करें।'
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