नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू होने से पहले लोग अलग-अलग तरीके से अपनी भावनाएं जाहिर कर रहे हैं। लोगों की ये भक्ति देखते ही बनती है। ऐसे ही 2 भाई हैं जो जिन्होंने 150 से अधिक नदियों का पानी एकत्र किया है। दोनों भाई 5 अगस्त को होने वाले राम मंदिर के शिलान्यास समारोह के लिए अयोध्या पहुंचे हैं। राधे श्याम पांडे का कहना है, '1968 से हमने श्रीलंका के 16 स्थानों से 151 नदियों, 8 बड़ी नदियों, 3 समुद्रों और मिट्टी से पानी एकत्र किया है।'
राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से सिद्ध एवं शक्ति पीठों की मिट्टी एवं नदियों के पवित्र जल को अयोध्या पहुंचाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि जल एवं मिट्टी का उपयोग शिला पूजन में किया जाएगा। भूमि पूजन के लिए पश्चिम बंगाल और बिहार से भी मिट्टी एवं जल अयोध्या पहुंचाया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ के एक मुस्लिम भक्त हैं फैज खान जो भगवान श्री राम के ननिहाल की मिट्टी लेकर अयोध्या में इस कार्यक्रम में शामिल होना चाहते हैं और इसके लिए वो वहां से पैदल ही अयोध्या के लिए रवाना हो चुके हैं। भगवान राम का ननिहाल छत्तीसगढ़ में है। फैज खान कह रह हैं कि मैं भेट स्वरूप यहां की पवित्र मिट्टी लेकर अयोध्या जा रहा हूं। छत्तीसगढ़ के रायपुर के चंदखुरी स्थित माता कौशल्या मंदिर की मिट्टी लेकर फैज खान पैदल ही अयोध्या के लिए निकल पड़े हैं। कहा जा रहा है कि वो 5 अगस्त को अयोध्या पहुंचेंगे ताकि नींव में नानी के गांव की मिट्टी भी शामिल हो जाएगी।
राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन में देशभर के करीब आठ हजार पवित्र स्थलों से मिट्टी, जल और रजकण का उपयोग किया जाएगा। कार्यक्रम से जुड़े लोगों का कहना है कि सामाजिक समरसता का संदेश देने के लिए देशभर से मिट्टी एवं जल का संग्रह किया जा रहा है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने ‘भाषा’ से कहा, 'देशभर से अयोध्या पहुंचने वाली मिट्टी एवं जल का आंकड़ा अभी तक जोड़ा नहीं गया है लेकिन ऐसा अनुमान है कि सात-आठ हजार स्थानों से मिट्टी, जल एवं रजकण पूजन के लिए अयोध्या पहुंचेगा। दो दिन पहले तक करीब 3,000 स्थानों से मिट्टी और जल वहां पहुंच चुका है।'
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