भारत और चीन ने जारी किया संयुक्त बयान- सैनिकों को पीछे हटाने पर सहमति, जल्द होगी 10वें दौर की वार्ता

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Updated Jan 25, 2021 | 20:31 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

24 जनवरी को भारत और चीन की सेनाओं ने कोर कमांडर स्तर की नौवें दौर की वार्ता की।इसका उद्देश्य पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले स्थानों से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया पर आगे बढ़ना था।

India-China border dispute
पिछले साल से जारी है विवाद 

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में जारी सीमा विवाद पर चीन और भारत के बीच लगातार बातचीत जारी है। 24 जनवरी को दोनों के बीच 9वें दौर की सैन्य वार्ता हुई, जिसे लेकर अब संयुक्त बयान जारी किया गया है। इस बयान में कहा गया है कि सैनिकों को हटाने पर दोनों पक्षों ने स्पष्ट और विचारों का गहन आदान प्रदान किया। दोनों पक्ष अग्रिम इलाकों से सैनिकों को जल्द पीछे हटाने पर सहमत हुए है।

बयान में आगे कहा गया है, 'दोनों पक्ष सहमत हुए कि वार्ता सकारात्मक, व्यवहारिक एवं रचनात्मक थी जो परस्पर विश्वास को और आगे बढ़ाएगी। दोनों पक्ष एलएसी पर तैनात सैनिकों के संयम बरतने को लेकर प्रभावी प्रयास जारी रखने पर सहमत हुए हैं। दोनों पक्ष एलएसी पर स्थिति को स्थिर और नियंत्रित रखने के लिए प्रभावी प्रयास जारी रखने पर सहमत हुए। इसके अलावा भारत और चीन की सेनाएं तनाव को संयुक्त रूप से कम करने के वास्ते कोर कमांडर स्तर की दसवें दौर की वार्ता के लिए जल्द बैठक करने पर सहमत हुए।' 

दोनों तरफ की सेनाएं आमने-सामने

पूर्वी लद्दाख में विभिन्न पवर्तीय क्षेत्रों में करीब 50,000 भारतीय जवान तैनात हैं। अधिकारियों के अनुसार चीन ने भी इतनी ही संख्या में अपने सैनिकों को तैनात किया है। वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14 वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने किया। सैन्य वार्ता में भारत पूर्वी लद्दाख के सभी इलाके में अप्रैल से पहले की स्थिति बहाल करने की मांग कर रहा है। दोनों सेनाओं के बीच यह टकराव पांच मई को शुरु हुआ था। दोनों पक्षों के बीच आठवें दौर की वार्ता छह नवंबर को हुई थी जिस दौरान दोनों सेनाओं ने गतिरोध वाले कुछ खास बिंदुओं से सैनिकों की वापसी पर व्यापक चर्चा की थी।

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