मुजफ्फराबाद : कोविड-19 के प्रकोप के चलते पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में स्थितियां काफी जटिल और लोगों का जीवन अत्यंत संकटपूर्ण हो गया है। यहां चिकित्सा सामग्रियों एवं खाने की वस्तुओं की भयंकर किल्लत हो गई है। कोरोना वायरस के फैलने के बाद इस इलाके में पाकिस्तान सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा की है। पीओके के स्थानीय लोग चाहते हैं कि भारत सरकार उनके पास खाद्य सामग्रियों की आपूर्ति करे।
1200 रुपए में बिक रही आटे की बोरी
समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि यहां लोग खाने की किल्लत से जूझ रहे हैं। लोगों का कहना है कि 20 किलोग्राम आटे का पैकेट जो कोरोना वायरस के फैलने से पहले 700 पाकिस्तानी रुपए में बिक रहा था उसे अब 1200 रुपए से ज्यादा कीमत में बेचा जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पंजाब में स्थित मिलें पीओके में ऊंचे दामों पर आटे की बोरियां बेच रही हैं।
भारत की तरफ देख रहे लोग
एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा, 'पीओके में एलओसी से लगती हुए 23 निर्वाचन क्षेत्र हैं और इन क्षेत्रों में खाद्य सामग्रियों की भयंकर किल्लत हो गई है।' इस क्षेत्र के लोगों ने भारत सरकार से रजौरी एवं जम्मू के रास्ते अपने गांवों में खाद्य सामग्री भेजे जाने का अनुरोध किया है। इस बीच, पीओके के बाघ शहर में कारोबारियों के संघ ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनकी तरफ से कहा गया है कि वे 18 अप्रैल को सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक अपनी दुकानें खोलेंगे। उनका कहना है कि उनकी दुकानें रमजान के पूरे महीने इसी समय से खुलती रहेंगी।
सरकार से कर से छूट की मांग
संघ के एक सदस्य ने एएनआई को बताया कि संस्था मौजूदा वित्तीय वर्ष में सरकार से कर में छूट की मांग कर रही है। सरकार को छोटे कारोबार को नुकसान से बचाने के लिए राहत पैकेज जारी करना चाहिए। यहां तक छोटे करोबारियों का यूटिलिटी बिल माफ होना चाहिए। सदस्य ने पाकिस्तान और पीओके के बीच सभी प्रवेश की जगहों पर स्क्रीनिंग की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की।
पीओके में कोविड-19 के 46 केस मिले
बता दें कि पाकिस्तान कोविड-19 संक्रमण से बुरी तरह चपेट में है। पीओके में कोरोना वायरस से संक्रमण के अब तक 46 केस सामने आए हैं लेकिन लोगों को इन आंकड़ों पर संदेह है। लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र अस्पतालों, मेडिकल लैब्स और स्वास्थ्यकर्मियों की कमी है जिसके चलते लोगों की सही जांच नहीं हो पा रही है और इसके चलते संक्रमण की सही संख्या भी सामने नहीं आ रही है।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।