अफगानिस्तान पर अब तालिबान राज है। तालिबानी नेता बदले हुए अंदाज में लोगों को भरोसा दे रहे हैं कि किसी को परेशान नहीं किया जाएगा। यह बात अलग है कि अफगानिस्तान के साथ साथ दुनिया के अलग अलग मुल्कों में अफगानी या दूसरे लोग जिनके परिजन काबुल में हैं परेशान हैं। इन सबके बीच यूपी के संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर रहमान बिर्क के मुताबिक अशरफ गनी की सरकार को हटाकर तालिबान अफगानी जनता की तरफ से शासन करना चाहते हैं।
तालिबानियों ने आजादी की लड़ाई लड़ी
शफीकुर रहमान बर्क कहते हैं कि जिस तरह से अंग्रेजों ने भारत पर शासन किया और उन्हें भगाने के लिए हमारे पूर्वजों ने आजादी की लड़ाई लड़ी, ठीक वैसे ही अब तालिबान शासन करना चाहता है। तालिबान एक ऐसी ताकत है जिसने रूस और अमेरिका जैसे मजबूत देशों को भी अपने देश में बसने नहीं दिया।
क्या कहते हैं जानकार
अब सवाल यह है कि क्या तालिबान वास्तव में आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे। क्या वो अपनी सरकार के खिलाफ लड़ाई नहीं लड़ रहे थे। क्या उनका मकसद सिर्फ अमेरिका को हटाना था। इस तरह के सवालों पर जानकार कहते हैं कि शफीकुर रहमान बर्क का बयान वास्तव में राजनीतिक है उसका कोई आधार नहीं है। ये बात सच है कि तालिबान को बढ़ावा देने के पीछे अमेरिकी सोच यह थी कि अफगानिस्तान की धरती से सोवियत फौज विदा हो जाए। अमेरिका को कामयाबी भी मिली। लेकिन जब आप विध्वंसक सोच वाले लोगों की मदद करेंगे तो उसका उल्टा असर आपको भुगतना पड़ेगा ।
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