अलीगढ़ : ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के प्रवक्ता मौलाना खलील-उर-रहमान सज्जाद नोमानी ने शुक्रवार को कहा कि मरकज निजामुद्दीन विवाद में कुछ मीडिया हाउस अपनी रिपोर्टों में तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलान साद की जगह उनकी तस्वीर का इस्तेमाल कर रहे हैं। नोमानी ने अपनी तस्वीर के इस्तेमाल किए जाने पर मीडिया हाउस के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।
प्रवक्ता ने मरकज से जुड़ी रिपोर्टों में अपनी तस्वीर का इस्तेमाल न करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा, 'डिस्क्लेमर के बावजूद, ये मीडिया हाउस अपनी रिपोर्टों में मेरी तस्वीर का इस्तेमाल कर रहे हैं। मुझे ऐसा लगता है कि यह मुझे बदनाम करने के लिए किया जा रहा है।' नोमानी ने कोरोना वायरस महामारी से जुड़ी रिपोर्टें में 'संयम एवं जिम्मेदारी' दिखाने की अपील की है। उन्होंने कहा, 'मेरे अनुरोध के बाद भी यदि जानबूझकर मेरी तस्वीर का इस्तेमाल आगे किया जाता रहा तो मेरे पास कानूनी कार्रवाई करने के सिवाय और कोई विकल्प नहीं बचेगा।'
प्रवक्ता ने कहा, 'ऐसे समय में जब देश एक बड़े संकट से जूझ रहा है तो मैं इसमें पड़कर एक नया विवाद खड़ा नहीं करना चाहता।' नोमानी ने कहा कि उन्होंने पीएम मोदी के लॉकडाउन का खुलकर समर्थन किया है। प्रवक्ता ने कहा कि 24 मार्च को पीएम मोदी की लॉकडाउन की घोषणा से पहले उन्होंने मस्जिदों में नमाज न पढ़ने के लिए मुस्लिम धर्मगुरुओं एवं मौलवियों के बीच एक सहमति बनाने की पहल की थी।
नोमानी ने कहा कि माहामारी को फैलने से रोकने के लिए समाज के सभी वर्गों के लोगों को एकजुट होने की जरूरत है। यह समय जाति, धर्म और मजहब से ऊपर उठकर कोरोना का मुकाबल करने का है। पूरी दुनिया की नजर इस समय भारत की तरफ है। ऐसे में हमें असमाजिक तत्वों को कटुता फैलाने एवं सौहार्द बिगाड़ने का अवसर नहीं देना चाहिए।
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