लखनऊ: गुरुवार को गाजियाबाद के एमएमजी अस्पताल की एमएस ने जिलाधिकारी, एसएपी और सीएमओ को चिट्ठी लिखी। उन्होंने अस्पताल में भर्ती तब्लीगी जमात के कुछ लोगों के बारे में कहा कि वो बिना पैंट में वार्ड में घूम रहे हैं, नर्सों को देखकर अश्लील इशारे कर रहे हैं, बीड़ी और सिगरेट की मांग कर रहे हैं, ऐसे में काम करना मुश्किल हो चुका है। यह खबर जब आग की तरह फैली तो प्रशासन भी हरकत में आए और उन सभी को राजकुमार गोयल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग के क्वारंटीन सेंटर में भेज दिया।
तब्लीगी से जुड़े मरीजों के लिए महिलाकर्मी नहीं होंगी तैनात
गाजियाबाद की घटना के बाद अब तब्लीगी जमात से जुड़े कोरोना मरीजों के साथ न तो कोई महिला पुलिसकर्मचारी होंगी और न ही कोई महिला मेडिकल स्टॉफ होंगी। इस खबर के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने बैठक बुलाई और साफ कर दिया कि अब प्रदेश में अगर गाजियाबाद जैसी घटना होगी तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो।
पुलिस के साथ बदतमीजी करने वालों के खिलाफ लगेगा एनएसए
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस तरह की हरकत करने वालों को समझा दिया जाएगा कि कानून का पालन किस तरह से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक तरफ पूरा प्रदेश कोरोना की महामारी के खिलाफ साझी लड़ाई लड़ रहा है। लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जो इस मुहिम को कमजोर कर रहे हैं। लेकिन वो साफ करना चाहते हैं कि किसी को बदतमीजी करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। इसके मद्देनजर सरकार की तरफ से फैसला किया गया है कि जो कोई भी शख्स पुलिसकर्मियों पर हमला करने के लिए दोषी पाया जाएगा उस पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई होगी।
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