नई दिल्ली : आतंकवाद के खिलाफ जंग में भारत को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। अमेरिका ने अल कायदा आतंकी मोहम्मद इब्राहिम जुबैर को भारत को सौंप दिया है। उसे 19 मई को विशेष विमान से भारत लाया गया। कोरोना संक्रमण को देखते हुए उसे फिलहाल पंजाब में अमृतसर के एक क्वारंटीन सेंटर में रखा गया है। मूल रूप से हैदराबाद का रहने वाले जुबैर को अमेरिकी अदालत ने आतंकवादी घटनाओं का दोषी ठहराया है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, जुबैर अल कायदा में फाइनेंस का काम देखता था। इतना ही नहीं, वह अलकायदा के लिए आतंकियों की भर्ती भी करता था। उसे आतंकी हमलों की साजिश में माहिर बताया जा रहा है। उसकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई हैदराबाद से ही हुई थी, जिसके बाद वह अमेरिका चला गया था। बाद में उसने वहां की नागरिकता भी ले ली। आगे चलकर वह अल कायदा में शामिल हुआ और फिर यमन मूल के खूंखार आतंकी अल अवलाकी का सहायक बन गया। अवलाकी ने भी बाद में अमेरिका की नागरिकता ले ली थी, जिसका पूरा नाम अनवर नसीर अल अवलाकी है।
अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार, 38 वर्षीय जुबैर इराक में अमेरिकी सेना के खिलाफ जिहाद के लिए फंडिंग करता था। वर्ष 2009 में उसने आसिफ अहमद सलीम (38) और सुल्तान रोम सलीम (43) के साथ मिलकर अनवर अल-अवलाकी को इराक, अफगानिस्तान और दुनिया के अन्य हिस्सों में अमेरिकी सेना के खिलाफ जिहाद के लिए हजारों डॉलर ट्रांसफर किए थे। अवलाकी साल 2011 में एक अमेरिकी मिसाइल हमले में मारा गया था। वह अलकायदा के कई आतंकी हमलों में शामिल था।
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