Amarnath Cave Cloudburst Incident: जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि अमरनाथ में जो कुछ भी हुआ, उस पर सरकार स्थिति स्पष्ट करे। वह बताए कि वहां कैसे, क्या और क्यों हुआ? उन्होंने इसके साथ ही जांच की मांग उठाते हुए आशंका जताई कि वहां इंसानी गलती भी हो सकती है।
शनिवार (नौ जुलाई, 2022) को श्रीनगर में उन्होंने कहा- अमरनाथ यात्रा में जो घटना घटी है वह दुखद है। हम उम्मीद करेंगे कि सरकार इस पर जांच बैठाए कि यह कैसे और क्यों हुआ और साफ चीजें लोगों के सामने लाए। सरकार पीड़ित परिवारजनों को अच्छा मुआवाज़ा भी दे।
बकौल अब्दुल्ला, "आज तक उस जगह पर कैंप नहीं लगाए गए थे, ऐसा पहली बार हुआ है। पंजतरणी में कोई भी कुछ नहीं लगा सकता, ऐसा हमेशा से चलता आ रहा है। मेरे हिसाब से इसकी जांच होनी चाहिए। इंसान की भी गलती हो सकती है। हम पीड़ित परिवारजनों के साथ हैं।"
फ्लैश फ्लड बारिश के चलते आया- IMD
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि दक्षिण कश्मीर स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर के पास मची तबाही बादल फटने के कारण नहीं हुई, बल्कि बेहद स्थानीय स्तर पर बारिश की एक घटना के कारण हुई। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, अमरनाथ गुफा मंदिर के पास शुक्रवार शाम साढ़े चार बजे से शाम साढ़े छह बजे तक 31 मिलीमीटर बारिश हुई, जो बादल फटने जैसी किसी घटना के हिसाब से कम है। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘अमरनाथ गुफा मंदिर के समीप पर्वतों की ऊंची चोटियों पर बारिश के कारण अचानक बाढ़ आयी होगी।’’
आईएमडी के अनुसार, बारिश की घटना को तब बादल फटने की श्रेणी में रखा जाता है जब किसी मौसम केंद्र में एक घंटे में 100 मिमी. बारिश दर्ज की जाती है। आईएमडी का अमरनाथ गुफा मंदिर के पास स्वचालित मौसम केंद्र है, जो तीर्थयात्रा के दौरान मौसम पूर्वानुमान देता है। हालांकि, आसपास के पर्वतों में दुर्गम क्षेत्र होने के कारण कोई मौसम निगरानी केंद्र नहीं है।
मृतकों में राजस्थान के तीन तीर्थयात्री
अमरनाथ गुफा बाढ़ हादसे में मरने वालों में कम से कम तीन तीर्थयात्री राजस्थान के हैं। आपदा प्रबंधन और नागरिक सुरक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा को बताया कि हादसे में राजस्थान के कम से कम तीन लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। ये तीनों गंगानगर के रहने वाले हैं। इनकी पहचान मोहनलाल, सुनीता वधवा व सुशील खत्री के रूप में हुई है। अधिकारियों के हवाले से उन्होंने कहा कि कुछ शवों की पहचान अभी की जानी है। स्थानीय अधिकारी वहां के प्रशासन के संपर्क में हैं और पूरी जानकारी जुटाई जा रही है।
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