नई दिल्ली : आरक्षण को लेकर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस का आरोप है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार आरक्षण समाप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रही है, जो आरएसएस का सपना रहा है। अब कांग्रेस के इन आरोपों पर देश के गृह मंत्री अमित शाह ने पलटवार किया है और कहा कि उत्तराखंड को लेकर सुप्रीम कोर्ट के जिस आदेश का हवाला देकर कांग्रेस बीजेपी पर आरोप लगा रही है, उससे संबंधित प्रस्ताव प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ही 2003 में लेकर आई थी।
शाह की यह टिप्पणी बीते सप्ताह सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद आई है, जिसमें अदालत ने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण न तो मौलिक अधिकार है और न ही राज्य इसे लागू करने के लिए बाध्य है। यहां तक कि अदालत भी सरकार को इसके लिए निर्देश नहीं दे सकती। कोर्ट का यह फैसला उत्तराखंड हाई कोर्ट के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए आया था, जिसमें हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को लोक निर्माण विभाग में सहायक इंजीनियर (सिविल) के पदों पर प्रमोशन में एससी/एसटी के कर्मचारियों को आरक्षण देने को कहा था, जिसे अब शीर्ष अदालत ने पलट दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर आरक्षण के मसले पर बीजेपी को घेरते हुए कहा कि वे एससी/एसटी समुदाय का विकास नहीं चाहते, लेकिन कांग्रेस पार्टी आरक्षण को कभी समाप्त नहीं होने देगी। अब उस पर पलटवार करते हुए अमित शाह ने कहा है कि उत्तराखंड में जिस सरकार ने पदोन्नति में आरक्षण नहीं देने का प्रस्ताव लाया था, वह बीजेपी की नहीं, बल्कि कांग्रेस की सरकार थी। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ही बखेड़ा खड़ा हुआ था, जिस पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला अब आया है। इसलिए सवाल तो कांग्रेस और राहुल गांधी से किया जाना चाहिए।
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