नयी दिल्ली: थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने मंगलवार को पूर्वी लद्दाख और सियाचिन का दौरा किया तथा सामरिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भारत की अभियानगत तैयारियों की समीक्षा की। अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नरवणे के साथ सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी और लद्दाख आधारित फायर एंड फ्यूरी कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन भी थे।
सेना ने एक बयान में कहा, 'जनरल एम एम नरवणे ने सियाचिन और पूर्वी लद्दाख का दौरा किया तथा अभियानगत तैयारियों की समीक्षा की।'इसने कहा कि नरवणे ने सैनिकों से बात की और दुरूह क्षेत्र, ऊंचाई तथा प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों में तैनाती के दौरान शानदार निष्ठा भाव तथा उच्च मनोबल के लिए उनकी प्रशंसा की।
सूत्रों ने बताया कि थलसेना प्रमुख को बाद में लेफ्टिनेंट जनरल मेनन ने क्षेत्र में मौजूदा सुरक्षा स्थिति और अभियानगत तैयारियों से अवगत कराया।
नरवणे का बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी लौटने का कार्यक्रम है।भारत और चीन के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में कई जगह पर पिछले साल मई के शुरू से ही गतिरोध बना हुआ है।
कई दौर की सैन्य एवं कूटनीतिक वार्ता के बाद दोनों देशों ने इस साल फरवरी में पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से अपने-अपने सैनिकों और आयुधों को पूरी तरह हटा लिया था। दोनों पक्ष अभी शेष जगहों से सैनिकों और आयुधों की वापसी पर चर्चा कर रहे हैं।
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