संविधान के आर्टिकल-30 ने समानता के अधिकार को पहुंचाया सबसे ज्यादा नुकसान: कैलाश विजयवर्गीय

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Updated May 29, 2020 | 08:03 IST

Kailash Vijayvargiya statement on Article 30: बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने संविधान में आर्टिकल-30 के औचित्य को लेकर सवाल खड़े किए हैं जो अल्पसंख्यकों को शैक्षणिक संस्थान संचालित करने का अधिकार देता है।

BJP leader Kailash Vijayvargiya statement on Article and right to equality
कैलाश विजयवर्गीय (फाइल फोटो) 
मुख्य बातें
  • अल्पसंख्यकों को शैक्षणिक संस्थान संचालित करने के अधिकार पर उठाए सवाल
  • बीजेपी नेता ने आर्टिकल 30 के औचित्य को लेकर दिया बयान
  • आर्टिकल ने समानता के अधिकार को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया: विजयवर्गीय

भोपाल: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भारतीय संविधान में अल्पसंख्यकों को शैक्षणिक संस्थान संचालित करने का अधिकार देने वाले आर्टिकल 30 के औचित्य पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि इस आर्टिकल ने समानता के अधिकार को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है।

विजयवर्गीय ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा, देश में संवैधानिक समानता के अधिकार को आर्टिकल 30 सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है। ये अल्पसंख्यकों को धार्मिक प्रचार और धर्म शिक्षा की इजाजत देता है, जो दूसरे धर्मो को नहीं मिलती। जब हमारा देश धर्मनिरपेक्षता का पक्षधर है, तो आर्टिकल-30 की क्या जरुरत!

ज्ञात हो कि भारतीय संविधान के आर्टिकल-30 के तहत अल्पसंख्यकों को शैक्षणिक संस्थान संचालित करने का अधिकार दिया जाता है। विजयवर्गीय के इस बयान के बाद देश में नई बहस छिड़ने के आसार बन गए हैं।

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