नई दिल्ली : ऑल इंडिया मजलिस ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को आरोप लगाया कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) अपने सत्ता का दुरुपयोग करते हुए लोगों को डरा रहा है। उनका यह आरोप यूआईडीएआई द्वारा हैदराबाद के 127 लोगों को कथित तौर पर नागरिकता साबित करने के लिए नोटिस जारी किए जाने के बाद आया है।
एक के बाद एक कई ट्वीट कर ओवैसी ने आरोप लगाया कि यूआईडीएआई के पास किसी भी व्यक्ति की नागरिकता सत्यापित करने का कोई अधिकार नहीं है। इसके पास बस आधार से जुड़ी कुछ गड़बड़ियों के मामले में ही सीमित अधिकार हैं। ओवैसी की यह प्रतिक्रिया उन मीडिया रिपोर्ट्स पर आई है, जिनमें कहा गया है कि हैदराबाद के 127 लोगों को झूठे दस्तावेज के आधार पर आधार कार्ड हासिल करने को लेकर नोटिस जारी किए गए हैं।
यूआईडीएआई ने नागरिकता साबित करने को कहा!
यूआईडीएआई की ओर से मंगलवार को इस संबंध में बयान जारी कर कहा गया कि ये नोटिस तेलंगाना पुलिस की शिकायत पर जारी किए गए हैं, जिसने संदेह जताया है कि ये अवैध प्रवासी हैं। यूआईडीएआई की ओर से इस स्पष्टीकरण पर कि आधार का नागरिकता के मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं है, ओवैसी ने कहा कि हैदराबाद के 40 साल के एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर मोहम्मद सत्तार खान को नोटिस भेजा गया है, जिसमें कहा गया है कि वह अपनी भारतीय नागरिकता साबित करे।
ओवैसी का तेलंगाना पुलिस से सवाल
ओवैसी ने यूआईडीएआई के इस स्पष्टीकरण पर भी संदेह जताया कि उसने तेलंगाना पुलिस से मिली सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या तेलंगाना के डीजीपी इसकी पुष्टि करेंगे कि पुलिस ने 127 लोगों के नाम यूआईडीएअआई को दिए? उन्होंने तेलंगाना पुलिस और यूआईडीएआई से यह स्पष्ट करने के लिए भी कहा कि जिन 127 लोगों को नोटिस जारी किए जाने की बात सामने आ रही है, उनमें से कितने मुसलमान हैं और कितने दलित?
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