गुवाहाटी : देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते कहर के बीच असम में बाढ़ से भीषण तबाही मची हुई। बाढ़ के कारण यहां अब तक 105 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 27.64 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। बाढ़ का असर असम के 33 जिलों में से 26 में है। बाढ़ के कारण यहां कई घर क्षतिग्रस्त हो गए, फसलें तबाह हो गईं और कई स्थानों पर सड़कें व पुल टूट गए।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक, बरपेटा जिले में बाढ़ जनित घटनाओं में दो अन्य लोगों की जान गई, जबकि एक व्यक्ति की मौत दक्षिण सालमारा जिले में हुई। इसके साथ ही यहां बाढ़ से मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर 105 हो गई है। इनमें से 26 की जान भूस्खलन की चपेट में आने के कारण गई। भारी बारिश व बाढ़ से यहां काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में करीब 90 पशुओं की भी जान चली गई है।
राज्य में बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित जिला धुबरी है, जहां 4.69 लाख से अधिक लोग इसकी चपेट में आए हैं। होजई और पश्चिम कारबी आंगलोंग जिलों में हालात बेहतर बताए जा रहे हैं, जिसके कारण बाढ़ प्रभावित जिलों और लोगों की संख्या में भी कमी आने की बात कही गई है।
प्राधिकरण की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, शुक्रवार को जहां बाढ़ से प्रभावित जिलों की संख्या 28 थी और प्रभावित लोगों की संख्या 35.76 लाख थी, वहीं अब इसमें कमी आई है और यह क्रमश: 26 और 27.64 लाख रह गई है। हालांकि असम में अब भी कम से कम 2,678 गांव जलमग्न हैं, जबकि 1,16,404 हेक्टेयर में लगी फसल बर्बाद हो गई है। बीते 24 घंटों के दौरान एसडीआरएफ, जिला प्रशासन तथा स्थानीय लोगों ने 511 लोगों को बचाया है।
इस बीच राजस्थान सियासी घटनाक्रम के केंद्र में मौजूद पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी ट्वीट कर लोगों से अपील की है कि वे बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद करें। उन्होंने कहा कि वह असम और बिहार के बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए प्रार्थना करते हैं। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आह्वान करते हुए लिखा, 'मैं सभी भारतीयों से अपील करता हूं कि वे एक साथ आएं और भयंकर बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद के प्रयासों में योगदान दें।'
वहीं, असम में बाढ़ की विकराल होती स्थिति के बीच प्रशासन ने इससे इनकार किया कि यहां कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के कारण बाढ़ प्रबंधन को लेकर किसी तरह की समस्या है। मुख्य सचिव कुमार संजय कृष्ण ने इससे इनकार करते हुए कहा कि यहां बाढ़ और कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकारी कर्मचारियों के अलग-अलग दलों को तैनात किया गया है।
इस बीच सरकार ने यहां कोविड-19 के सामुदायिक संक्रमण को रोकने के लिए 22 जुलाई से अगले आदेश तक लोगों की अंतर-जिला आवाजाही को प्रतिबंधित कर दिया है। हालांकि इस दौरान आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही निर्बाध रूप से जारी रहेगी। वहीं, चिकित्सा और अंतिम-संस्कार जैसी आपात स्थिति में आवाजाही की अनुमति केवल मूल जिले के उपायुक्त से लिखित अनुमति से ही होगी। कामरूप महानगर जिले में 19 जुलाई से 2 अगस्त तक के लिए शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे के बीच रात के कर्फ्यू और सप्ताहांत में पूर्ण लॉकडाउन की भी घोषणा की गई है। असम की राजधानी गुवाहाटी इसी जिले के अंतर्गत है।
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