नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना महामारी की चुनौती को जिस तरह से निपटा है और उसे संभाला है उसकी चर्चा देश और विदेश में हो रही है। कोरोना की पहली लहर के दौरान अन्य राज्यों से लौटे प्रवासी मजदूरों को राज्य में रोजगार दिलाने के लिए यूपी सरकार की स्किल मैपिंग एवं प्रवासी मजदूरों के प्रशिक्षण की सराहना सुप्रीम कोर्ट कर चुका है। अब ऑस्ट्रेलिया के सांसद क्रेग केली चाहते हैं कि उनके यहां कोरोना संकट से निपटने में योगी आदित्यनाथ उनकी मदद करें।
सांसद क्रेग ने यूपी सीएम की सराहना की
गत शुक्रवार को अपने एक ट्वीट में सांसद क्रेग ने कोविड-19 चुनौती से निपटने में योगी आदित्यनाथ के कदमों की सराहना करते हुए जानना चाहा कि 'क्या योगी आदित्यनाथ हमें लोन में मिल सकते हैं।' यूपी सीएम की कोरोना प्रबंधन की नीतियों से प्रभावित ऑस्ट्रेलिया के सांसद ने कहा कि 'क्या ऐसी कोई संभावना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हमें लोन के रूप में मिल सकें ताकि वह इवरमेक्टिन की समस्या से जूझ रहे ऑस्ट्रेलिया को बाहर निकाल सकें। यह समस्या हमारे प्रधानमंत्री ने पैदा की है।'
डाटा एनालिस्ट जे चामी की रिपोर्ट शेयर की
भारत में कोरोना संकट पर डाटा एनालिस्ट जे चामी के ट्वीट को क्रेग ने शेयर किया है। जे चामी का कहना है कि भारत की आबादी का 17 प्रतिशत हिस्सा उत्तर प्रदेश में रहता है लेकिन यहां कोरोना संक्रमण के एक प्रतिशत से भी कम मामले सामने आए जबकि कुल मौतों में से यहां 2.5 फीसदी लोगों की जान गई। जबकि महाराष्ट्र में देश की 9 प्रतिशत आबादी रहती है लेकिन यहां संक्रमण के 18 फीसदी मामले सामने आए और कुल मौतों में से 50 प्रतिशत जानें इस राज्य में गईं। इसके अलावा महाराष्ट्र दवा बनाने वाली कंपनियों का केंद्र है जबकि उत्तर प्रदेश इवरमेक्टिन टैबलेट के इस्तेमाल में चैंपियन है।
डब्ल्यूएचओ भी सीएम योगी की कर चुका है तारीफ
इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) कोरोना संकट की निगरानी, संक्रमण के मामलों की ट्रेसिंग एवं टेस्टिंग के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की सराहना कर चुका है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि इवेरमेक्टिन का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करने वाला यूपी देश का पहला राज्य है। स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना मरीजों के संपर्क में आए लोगों के लिए इवेरमेक्टिन दवा को एक एहतियाती उपाय के रूप में सुझाया था।
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