उत्तर प्रदेश कैबिनेट बैठक में अयोध्या स्थित एयरपोर्ट का नाम मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम जी के नाम पर किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी,भविष्य में इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर का दर्जा दिया जाएगा। इसके लिए एयरपोर्ट के दायरे बढ़ाने का प्रस्ताव है और इंफ्रास्ट्रक्चर भी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के स्तर का तैयार किया जा रहा है।
गौरतलब है कि प्रदेश की योगी सरकार मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम एयरपोर्ट को विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस करेगी। अयोध्या में मंदिर निर्माण के बाद ना केवल भारत से बल्कि दुनियाभर से लोग आएंगे, ऐसे में अयोध्या के एयरपोर्ट को हाईटेक तकनीक से बनाया जाएगा।
इस बारे में प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव मौर्या ने ट्वीट कर जानकारी दी और कहा- आपकी प्रदेश सरकार श्रीराम लला की नगरी अयोध्या को विश्व के धार्मिक स्थलों में अग्रणी स्थान दिलाने के लिए संकल्पित है।
नागरिक उड्डयन विभाग के मुताबिक अयोध्या में स्थित हवाई पट्टी को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में विकसित किया जा रहा है। पहले चरण में यहां ए 321 और दूसरे चरण में कोड-ई बी 777.300 श्रेणी के विमानों का संचालन शुरू किया जाएगा। योगी सरकार ने अयोध्या स्थित हवाई पट्टी को एयरपोर्ट के रूप में विकसित करने एवं अन्य आवश्यक निर्माण कार्यों के लिए 525 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।
तीन से चार साल में अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा और देश विदेश से राम भक्त और पर्यटक मंदिर के दर्शन के लिए पहुंचने लगेंगे। यही वजह है उससे पहले योगी सरकार अयोध्या की दिल्ली और लखनऊ से कनेक्टिविटी को बेहतर करने की दिशा में काम कर रही है। अयोध्या रेलवे स्टेशन और बस टर्मिनल, इन दोनों प्रोजेक्ट पर काम 2019 में ही शुरू हो गया था। इतना ही नहीं, हवाई मार्ग से अयोध्या पहुंचने को सुगम बनाने के लिए यहां 600 एकड़ भूमि पर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम एयरपोर्ट का निर्माण कार्य भी जारी है।
अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनने के बाद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय श्रद्धालुओं और पर्यटकों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर प्रदेश सरकार ने एयरपोर्ट विस्तार की योजना बनाई है। शासन ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को अयोध्या में हवाई पट्टी को पहले चरण में 180 से 200 सीटर हवाई जहाजों के संचालन और दूसरे चरण में बड़े आकार के बोइंग-777 हवाई जहाज के संचालन के योग्य बनाने का आग्रह किया है।
रिपोर्ट के अनुसार पहले चरण में ए321 विमानों के संचालन के लिए 463.10 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। इस पर रन-वे की लंबाई 3125 मीटर और चौड़ाई 45 मीटर होगी। दूसरे चरण में बोइंग 777 प्रकार के विमानों के संचालन के लिए 122.87 एकड़ जमीन की अतिरिक्त आवश्यकता होगी। इसके रन-वे की लंबाई 3750 मीटर और चौड़ाई 45 मीटर होगी। एयरपोर्ट के संचालन और सुरक्षा से जुड़े कर्मियों के आवासीय क्षेत्र के लिए भी एयरपोर्ट के आसपास 15 एकड़ भूमि की आवश्यकता जताई गई है। इस प्रकार एयरपोर्ट के लिए कुल 600 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। सरकार का प्रयास है कि कुशीनगर की तरह अयोध्या एयरपोर्ट को भी संचालन शुरू होने से पहले अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का दर्जा मिल जाए।
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