Babul Supriyo : BJP से पूरी तरह से टूटा बाबुल सुप्रियो का नाता, लोकसभा सीट से दिया इस्तीफा 

Babul Supriyo meets Lok Sabha speaker : लोकसभा स्पीकर से मिलने के बाद सुप्रियो ने कहा कि चूंकि वह भाजपा छोड़ चुके हैं, ऐसे में वह आसनसोल सीट अपने पास नहीं रख सकते।

Babul Supriyo resigns from Lok Sabha today meets Lok Sabha Speaker Om Birla
आसनसोल सीट से भाजपा के सांसद थे बाबुल सुप्रियो। 
मुख्य बातें
  • आसनसोल सीट से भाजपा के सांसद थे बाबुल सुप्रियो, इस सीट पर 2014 से थे एमपी
  • मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिलने पर भाजपा छोड़ी, गत सितंबर में टीएमसी में शामिल हुए
  • सांसद के रूप में इस्तीफा देने के बाद सुप्रियो ने भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी पर निशाना साधा

नई दिल्ली : भाजपा सांसद के रूप में अपने पद से इस्तीफा देने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो मंगलवार को लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला से मिले। सांसद के रूप में अपना इस्तीफा सौंपने के बाद सुप्रियो ने कहा कि वह बड़े भारी हृदय से भाजपा को अलविदा कह रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भाजपा के साथ की। सुप्रियो ने कहा कि भरोसा जताने के लिए वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमति शाह को धन्यवाद देते हैं। 

'अधिकारी अपने पिता एवं भाई को इस्तीफा देने के लिए कहें'

लोकसभा स्पीकर से मिलने के बाद सुप्रियो ने कहा कि चूंकि वह भाजपा छोड़ चुके हैं, ऐसे में वह आसनसोल सीट अपने पास नहीं रख सकते। बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी पर हमला बोलते हुए सुप्रियो ने कहा कि कुछ महीने पहले तक अधिकारी टीएमसी का हिस्सा थे। राजनीति के बाहर वह मेरे मित्र रहे हैं। राजनीतिक रूप से वह उनकी कड़ी आलोचना कर सकते हैं लेकिन उन्हें अपने पिता एवं भाई से कहना चाहिए कि वे दोनों सांसद के रूप में अपने पद से इस्तीफा दे दें क्योंकि अब वे दोनों टीएमसी का हिस्सा नहीं हैं।

18 सितंबर को तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए सुप्रियो

साल 2014 में भाजपा का दामन थामने वाले सुप्रियो गत 18 सितंबर को तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। टीएमसी में शामिल होने के बाद सुप्रियो ने कहा कि उन्हें राजनीति में बड़ा अवसर मिला लेकिन अब वह टीएमसी में शामिल हो गए हैं। ऐसे में वह आसनसोल सीट पर सांसद के रूप में बने नहीं रह सकते। उन्होंने कहा, 'मैं आसनसोल के लिए राजनीति में आया और जितना संभव हो सकेगा वह इस क्षेत्र के लोगों की सेवा करते रहेंगे।'

मोदी कैबिनेट में इस बार जगह नहीं मिली

गत जुलाई में मोदी कैबिनेट का जो विस्तार हुआ उसमें सुप्रियो को जगह नहीं दी गई। इसके पहले वह केद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री थे। इसके बाद 31 जुलाई को सुप्रियो ने अपने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि वह राजनीति छोड़ रहे हैं और वह किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं होंगे। हालांकि, उन्होंने बाद में अपने इस पोस्ट को हटा दिया। 

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