नई दिल्ली: पीओके स्थित बालाकोट हमले की भारत आज पहली वर्षगांठ है। इसी दिन पिछले साल भारती वायु सैनिकों ने आतंकियों के ठिकानों पर हवाई हमले किए थे। हालांकि पाकिस्तान को जरा भी उम्मीद नहीं थी कि पुलवामा हमले का बदला लेने के लिए भारत अपनी वायु सेना का इस्तेमाल कर सकता है, लेकिन उनकी सारी कोशिशें नाकाम रही और एक बार फिर से वह दुनिया की नजरों में हंसी का पात्र बना।
हालांकि, वह चौकस जरूर था कि भारत सर्जिकल स्ट्राइक की तरह सीमा पर या पीओके में कार्रवाई कर सकता है। पुलवामा आतंकवादी हमले का बदला लेने के लिए भारत उसके खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में दाखिल होकर जैश ए मोहम्मद के सबसे बड़े आतंकवादी प्रशिक्षण केंद्र पर हमला करेगा, इस बात की उसे जरा भी अंदेशा नहीं था। आईएएफ के एयरस्ट्राइक से वह चौंक गया। शुरू में तो उसने इस हमले से इंकार किया और यह भी दावा किया कि उसे इस हमले से कोई नुकसान नहीं पहुंचा लेकिन भारत ने जब असलियत दुनिया के सामने रखी तो उसके प्रोपगैंडा का पर्दाफाश हो गया।
भारत के इस एय स्ट्राइक से जुड़ा एक दिलचस्प पहलू भी है। पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर जैश-ए-मोहम्मद ने 14 फरवरी 2019 को आत्मघाती हमला किया। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए और इसके 12वें दिन यानि कि 26 फरवरी की आधी रात के बाद भारतीय वायु सेना ने अपना 'ऑपरेशन बंदर' चलाया। इसी रात पाकिस्तानी सेना की तरफ से एक ट्वीट किया गया।
पाकिस्तानी सेना ने किया था ट्वीट
इस ट्वीट में पाकिस्तानी जनता को बेफिक्र होकर सोने की बात कही गई। पाकिस्तानी सेना ने अपने नागरिकों को भरोसा दिलाया कि उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है, वे आराम से सो सकते हैं क्योंकि उनकी सुरक्षा के लिए पाकिस्तानी वायु सेना जग रही है। शायद पाकिस्तानी सेना को इस बात को जरा भी इल्म नहीं रहा होगा कि भारत इसी दिन उसके ऊपर एयरस्ट्राइक कर देगा और उसकी जगहंसाई हो जाएगी।
इस बात का जिक्र पाकिस्तानी पत्रकार नायला इनायत ने बालाकोट एयरस्ट्राइक की पहली बरसी पर की है। नायला ने पाकिस्तान सेना पर तंज कसते हुए कहा है, 'जागते रहना मेरे भरोसे मत रहना।'
हक्का-बक्का रह गई PAF
दरअसल, भारतीय वायु सेना ने जिस तरह से अपने इस गोपनीय ऑपरेशन को अंजाम दिया उससे पाकिस्तानी सेना की पैरों तले जमीन खिसक गई। उसे समझ में नहीं आया कि आईएएफ कितनी चतुराई से उसके देश में दाखिल हुई और बालाकोट पर हमला कर वहां से सुरक्षित निकल गई। पाकिस्तानी वायु सेना जब तक हरकत में आई तब तक भारतीय वायु सेना के जांबाजों ने अपना काम कर दिया था।
भारत की जाल में उलझकर रह गया पाक
पाकिस्तानी वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने भारतीय लड़ाकू विमानों का रास्ता रोकने की कोशिश की लेकिन आईएएफ ने अपने इस मिशन का जाल इस तरह रचा था कि पाकिस्तान को यह समझ में नहीं आया कि भारत का निशाना कहां है। पाकिस्तानी वायु सेना को लगा कि आईएएफ जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय बहावलपुर को निशाना बनाएगी और उसका पूरा ध्यान बहावलपुर की तरफ चला गया।
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