कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख 291 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। तीन सीटें उन्होंने दार्जिलिंग में अपने सहयोगियों के लिए छोड़ी हैं। टीएमस की उम्मीदवारों की सूची जो सामने आई है उसमें सभी वर्गों को साधने की कोशिश की गई है। ममता ने इस बार 79 सीटें अनुसूचित जाति, 17 सीटें अनुसूचित जनजाति, 50 सीटें महिलाओं को और 42 सीटों पर मुस्लिमों को अपना उम्मीदवार बनाया है। इस बार टीएमसी ने पिछली बार की तुलना में मुस्लिमों को कम टिकट दिया है। 2016 के विस चुनाव में ममता ने 57 मुस्लिमों को टिकट दिया था।
ममता पर भाजपा लगाती है तुष्टिकरण का आरोप
रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि भाजपा मुस्लिम तुष्टिकरण को लेकर ममता बनर्जी और टीएमसी पर निशाना साधती आई है। वह हिंदू वोटरों का ध्रुवीकरण का प्रयास कर रही है। ऐसे में ममता नहीं चाहतीं कि उन पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगे। राज्य में करीब 70 प्रतिशत हिंदू मतदाता हैं। मुस्लिमों को इस बार ज्यादा टिकट यदि टीएमसी की ओर दिया जाता तो भाजपा ममता पर और हमलावर होती। दूसरा एक कारण यह भी है कि ममता हिंदू वोटरों में बिखराव नहीं चाहतीं। वह हिंदू और मुसलमान वोटरों के बीच विभाजन को रोकना चाहती हैं। भाजपा 70 प्रतिशत हिंदू वोटरों को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही है। यह देखते हुए ममता ने इस बार कम मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है।
टीएमसी ने एससी को दिया सबसे ज्यादा टिकट
टीएमसी ने इस बार सबसे ज्यादा 79 टिकट अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों को दिया है। यह कुल टिकट का 27 प्रतिशत है। इसके बाद महिलाओं का प्रतिशत 17 फीसदी, मुस्लिमों का 14 प्रतिशत और अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों का हिस्सा 5 प्रतिशत है। टीएमसी की इस सूची में अभिनेता, गायक, डॉक्टर, खेल हस्ती, लेखक, पूर्व आईपीएस के नाम शामिल हैं। टीएमसी ने 80 साल से ऊपर के नेताओं को इस बार टिकट नहीं दिया है। खास बात यह है कि ममता ने 160 सीटों पर नए उम्मीदवार हैं जिनमें 114 नए चेहरे हैं। ममता ने इस बार अमित मित्रा सहित 28 मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया है।
ममता ने खेला है महिलाओं पर दांव
पश्चिम बंगाल के चुनाव में महिलाएं बढ़चढ़कर हिस्सा लेती हैं। उनका मतदान प्रतिशत पुरुषों के बराबर है। इस चुनाव में भी महिलाएं निर्णायक भूमिका निभाने वाली हैं। इसे देखते हुए ममता ने 50 महिला उम्मीदवारों को टिकट देकर इस वर्ग को रिझाने की कोशिश की है। साल 2016 के चुनाव में टीएमसी ने 45 महिलाओं को टिकट दिया था। महिलाओं को ज्यादा टिकट देकर ममता महिलाओं तक अपनी पहुंच बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं। टीएमसी प्रमुख ने पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले सांसद सौमित्र खान की पत्नी सुजाता खान और पूर्व राज्य मंत्री सोवन चटर्जी की पत्नी रत्ना चटर्जी को अपना उम्मीदवार बनाया है।
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