Suvendu Adhikari : 'नंदीग्राम मेरे लिए चुनौती नहीं, ममता को हरा कर भेज दूंगा कोलकाता'

नंदीग्राम से ममता बनर्जी के खिलाफ उनके खास सहयोगी रहे शुभेंदु अधिकारी बीजेपी की तरफ से ताल ठोकेंगे। टिकट मिलने के लिए बाद उन्होंने ममता सरकार की नीतियों की जमकर आलोचना की।

Suvendu Adhikari : 'नंदीग्राम मेरे लिए चुनौती नहीं, ममता को हराकर भेज दूंगा कोलकाता'
नंदीग्राम से बीजेपी उम्मीदवार हैं शुभेंदु अधिकारी 
मुख्य बातें
  • नंदीग्राम से ममता बनर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे शुभेंदु अधिकारी
  • बीजेपी ने दो चरणों के लिए 57 उम्मीदवारों की सूची जारी की, एक सीट आजसू के नाम
  • दोनों चरणों में कुल 60 सीटों पर होने हैं चुनाव

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के दूसरे चरण के चुनाव में नंदीग्राम की जनता अपने वोट को ईवीएम में बंद कर देगी और एक तरह से फैसला हो जाएगा कि नंदीग्राम किसका होगा। सीएम ममता बनर्जी ने पहले ही कहा था कि वो नंदीग्राम से ही चुनाव लडेंगी और शनिवार को बीजेपी ने उम्मीदवारों के ऐलान के साथ संदेश दे दिया है नंदीग्राम से कोई और नहीं बल्कि ममता बनर्जी के खास रहे शुभेंदु अधिकारी ही चुनौती देंगे। शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि पार्टी ने जो भरोसा दिखाया उसके लिए शुक्रिया करते हैं। यही नहीं नंदीग्राम से ममता बनर्जी को 50 हजार वोटों से हरा भी देंगे। 

'ममता को हरा कर भेज देंगे कोलकाता'
नंदीग्राम से दावेदारी के तय होने के बाद शुभेंदु अधिकारी ने बड़ा बयान दिया। श्यामा प्रसाद मुखर्जी के योगदान के बिना, यह देश एक इस्लामिक देश होता और हम बांग्लादेश में रह रहे होते। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नंदीग्राम उनके लिए चुनौती नहीं है, ममता बनर्जी को हराकर कोलकाता भेज देंगे। उन्होंने खुद को धरती का बेटा बताते हुए कहा कि नंदीग्राम की जनता से जो सहयोग और समर्थन मिला है, उन्हें उम्मीद है कि अन्याय के खिलाफ लड़ाई में जनता उनका साथ जरूर देगी। 

2016 में टीएमसी से विधायक थे शुभेंदु
साल 2016 में इस सीट से तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर शुभेंदु अधिकारी विजयी हुए। इस सीट पर उन्हें 66 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले। उन्होंने भाकपा के उम्मीदवार अब्दुल करीब शेख को हराया था। शेख को 26 प्रतिशत वोट मिले थे। इस सीट पर भाजपा के बिजन कुमार दास तीसरे स्थान पर रहे थे। दास को 5.32 प्रतिशत वोट मिले।

दिलचस्प होगा मुकाबला
नंदीग्राम सीट की बात करें तो इस विधानसभा क्षेत्र में 70 फीसदी आबादी हिंदुओं की है जबकि शेष आबादी मुस्लिमों की है। शुभेंदु अधिकारी को यहां लोग खुद से जुड़ा मानते हैं जो जो समाज के हर तबके के लोगों के सुख-दुख में जरूर सरीक होते हैं। पिछले महीने तक नंदीग्राम में माहौल तृणमूल के पक्ष में नहीं था, लेकिन यदि ममता बनर्जी और शुभेंदु अधिकारी दोनों नंदीग्राम से खड़े होते हैं, तो लोग बंट जाएंगे।

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