अहमदाबाद: दुनिया में कोरोना वायरस की वजह से त्राहि त्राहि मचा हुआ है और लोग लॉकडाउन के दौरान घरों में बंद हैं। महामारी की तमाम चिंता भरी खबरों के बीच लॉकडाउन में पर्यावरण की सुधरती सेहत जैसे कुछ अच्छे पहलू भी निकलकर सामने आ रहे हैं। इसके अलावा कानून व्यवस्था पर बंदी का बड़ा व्यापक असर देखने को मिल रहा है। हाल ही में कोरोना वायरस के चलते गुजरात के अपराध मुक्त होने की ओर बढ़ने की खबरें सामने आ रही हैं।
हालांकि पुलिस घरों से बाहर निकलने वाले लोगों पर भी कई जगहों पर कानूनी कार्रवाई कर रही है लेकिन हत्या, लूट, डकैती जैसे गंभीर अपराधों में भारी गिरावट देखने को मिली है। 24 मार्च से देश में 21 दिन के संपूर्ण लॉकडाउन का ऐलान किया गया था।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार गुजरात की करीब 80 फीसदी पुलिस लॉकडाउन का पालन कराने में जुटी है और लॉकडाउन के दिनों में लॉकडाउन और महामारी अधिनियम के तहत 22 हजार केस फाइल हुए हैं लेकिन आश्चर्यजनक रूप से इस अंतराल के दौरान पूरे राज्य में 1600 ही ऐसे केस आए हैं जो कोविड-19 से नहीं जुड़े हैं।
कई गुना कम हुए आपराधिक मामले: एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इस बारे में बोलते हुए कहा, 'राज्य में आमतौर पर 1200 से 1300 आपराधिक मामले सामने आते थे जबकि लॉकडाउन के दौरान यह संख्या घटकर 100 के नीचे आ गई है।'
24 घंटे सड़कों पर पुलिस: टीओआई के मुताबिक इस बारे में बोलते हुए डीजीपी शिवानंद झा ने कहा कि लॉकडाउन का पालन कराने के दौरान पुलिस शहरों, कस्बों और गांव में 24x7 सड़कों पर मौजूद है, ऐसे में गंभीर अपराधों में बहुत भारी गिरावट देखने को मिली है।
ऐसा नहीं है कि सिर्फ गुजरात में ही अपराधों में कमी आई है देश के अन्य राज्यों में भी आपराधिक घटनाओं में भारी कमी देखने को मिल रही है। इसके अलावा दुनिया भर के अन्य देशों में भी कमोवेश यही स्थिति है।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।