नई दिल्ली: गाड़ी रोकने पर होमगार्ड को उठक बैठक कराते एक अधिकारी का वीडियो हाल ही में सामने आया था। ऐसी खबरें आ रही हैं कि बिहार सरकार के इस अधिकारी का प्रमोशन किया गया है। हालांकि इस खबर का खंडन भी किया आधिकारिक तौर पर किया जा रहा है। बिहार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार का कहना है कि मनोज कुमार के खिलाफ विभागीय जांच जारी रहेगी। गार्ड से जुड़ी घटना के समय मनोज कुमार जिला कृषि अधिकारी के रूप में कार्यरत थे।
राज्य के कृषि मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार पहले ही अररिया में मनोज कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है। उन्होंने कहा कि जांच में किसी भी हस्तक्षेप से बचने के लिए उन्हें मुख्यालय बुलाया गया है।
प्रमोशन से जुड़ी खबर के बारे में स्पष्टता लाने के लिए आईएएस अधिकारी और सचिव एन. सरवण कुमार ने ट्वीट करते हुए कहा, 'DAO अररिया पहले से ही उप निदेशक के पद पर है, उनकी पदोन्नति नहीं की गई है। अधिकारी द्वारा किसी भी साक्ष्य से छेड़छाड़ से बचने के लिए यह ट्रांसफर किया गया है।'
बता दें कि इससे पहले इस मामले में अररिया जिले के एक पुलिस अधिकारी सस्पेंड किया जा चुका है। इस पुलिस अधिकारी ने ही गार्ड को अपमानित करके मनोज कुमार से माफी मांगने के लिए मजबूर किया था। पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडे ने बताया था कि होमगार्ड को अपमानित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस उपनिरीक्षक गोविद सिंह को निलंबित कर दिया गया है।
यह घटना सोमवार को सुदूर जिले के जोकीहाट थाना क्षेत्र में हुई थी, जहां जवान गणेश लाल ने पूर्व जिला कृषि अधिकारी मनोज कुमार की गाड़ी को रोक लिया था, जिन्हे अब प्रमोट कर दिया गया है। खबरों के अनुसार अधिकारी बिना किसी पास के अपने वाहन को लेकर जा रहे थे।
पिछले दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हुई इस घटना की एक वीडियो क्लिप में, तत्कालीन कृषि अधिकारी मनोज कुमार और एएसआई ने चौकीदार को बर्खास्त करने की धमकी दी थी और रास्ते में उससे 50 उठक बैठकें करवाई थीं।
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