आखिरकार JDU में हो ही गया RLSP का विलय, कुशवाहा बोले- काफिला अब CM नीतीश कुमार के नेतृत्व में काम करेगा

देश
किशोर जोशी
Updated Mar 14, 2021 | 15:01 IST

बिहार में जिस बात के पिछले काफी समय से कयास लगाए जा रहे थे वो सही साबित हुए हैं। रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी पार्टी का जेडीयू में विलय कर दिया है।

Bihar Upendra Kushwaha announces official merger of RLSP with JDU in Bihar
JDU में हुआ RLSP का विलय, कुशवाहा बोले- यह देश हित में 
मुख्य बातें
  • बिहार में रालोसपा को लेकर लग रही अटकलें हुईं सही साबित
  • रालोसपा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने किया पार्टी का जेडीयू में विलय का ऐलान
  • कुशवाहा बोले- नीतीश कुमार के नेतृत्व में आगे बढ़ेगा काफिला

पटना: बिहार में एक ताजा और बड़े राजनीतिक घटनाक्रम के तहत उपेंद्र कुशवाहा ने आज अपनी पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) विलय नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (JDU)में कर दिया है। कुशवाहा ने आज पटना में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान  इस विलय की घोषणा की जिसके बारे में  पिछले कई दिनों से अटकलें लग रही थीं। विलय की घोषणा करते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि यह देश और राज्य के हित में है।

कुशवाहा बोले- बड़े भाई की तरह हैं नीतीश

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, 'नीतीश कुमार मेरे बड़े भाई की तरह हैं। मैंने व्यक्तिगत रूप से हमेशा उनका सम्मान किया है। हम लोगों ने फैसला लिया है कि राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का काफिला अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में काम करेगा। देश और राज्य की परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। हम लोग JDU के साथ मिलकर काम करेंगे।'

तेजस्वी पर भी साधा निशाना

उपेंद्र कुशवाहा ने इस दौरान कहा कि 'जैसे RLSP को खड़ा करने में पार्टी वर्कर्स ने मेहनत की ठीक उसी तरह की मेहनत जेडीयू के लिए भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि जनता दल यूनाइटेड और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी की सोच एक जैसी है। तेजस्वी यादव की टिप्पणी पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि उन्हें अपने पिता लालू यादव से पूछना चाहिए कि नीतीश कुमार और लालू यादव के बीच में क्या बातें होती थी।'

2013 में बनाई थी अलग पार्टी

आपको बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा पहले जे़डीयू में ही थे लेकिन 2013 में उन्होंने राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी नाम से अलग पार्टी बनाई और 2014 में वह एनडीए में शामिल हो गए। इसके बाद लोकसभा चुनाव में पहली बार में ही उन्हें सभी तीन सीटों पर विजय मिली और मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में उन्हें कैबिनेट में भी जगह मिल गई और मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री बन गए। लेकिन 2018 आते-आते वह एनडीए से अलग हो गए।

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