पटना: बिहार में एक बार फिर बड़ा राजनीतिक उलटफेर हो सकता है। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने बीते दो दिसंबर को सीएम हाउस में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की जिसके बाद से ही कयासों का बाजार गर्म है। खबरों की मानें तो कुशवाला अपनी रोलसपा का जल्द ही जेडीयू में विलय कर सकते हैं। इस विधानसभा चुनाव में रालोसपा एक भी सीट पर दर्ज नहीं कर सकी थी।
दोनों नेताओं के बीच हुई थी मुलाकात
अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही रालोसपा का अगर जेडीयू में विलय होता है तो यह नीतीश के लिए एक अहम सफलता होगी। आरएलएसपी के आधिकारिक प्रवक्ता भोला शर्मा ने पटना में दो नेताओं के बीच करीबी बैठक की पुष्टि की। आईएएनएस से बात करते हुए शर्मा ने कहा, 'दोनों नेताओं के बीच गुरुवार को मुलाकात के बाद बिहार में नए राजनीतिक समीकरण बनने की संभावना है। एनडीए के साथ हमारी कोई मतभेद नहीं है। उपेंद्र कुशवाहा और सीएम नीतीश कुमार ने पूर्व में एक साथ काम किया था और अगर एनडीए सरकार सामाजिक न्याय के साथ बिहार के लोगों का कल्याण करेंगे तो हम इसके साथ जाएंगे।' हालांकि शर्मा ने इस बात से इनकार किया कि आरएलएसपी का जेडी-यू में विलय हो जाएगा।
जब कुशवाहा ने कही थी तेजस्वी की आलोचना
आपको बता दें कि हाल में संपन्न हुई 17वीं बिहार विधानसभा के पहले सत्र के अंतिम दिन 27 नवंबर को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की टिप्पणी से सत्ताधारी दल के साथ ही रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने भी नाराजगी जताई थी। कुशवाहा ने तेजस्वी यादव के आचरण को अशोभनीय और अमर्यादित बताया था। सूत्रों की माने तो कुशवाहा द्वारा राजद नेता तेजस्वी यादव की आलोचना करने के बाद नीतीश कुमार कुशवाहा से खुश हैं।
नीतीश कुमार, कुशवाहा के जरिए खोई जमीन हासिल करना चाहते हैं। सूत्रों ने कहा है कि उन्हें जेडी-यू कोटे पर एमएलसी के रूप में चुना जा सकता है और मंत्री पद भी मिल सकता है।
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