नई दिल्ली : कोरोना वायरस का संक्रमण के बीच बर्ड फ्लू का संकट पैदा हो गया है। राजस्थान, केरल, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में बड़ी संख्या में पक्षियों की मौत अचानक हुई, जिसके बाद यहां अलर्ट जारी किया गया है और बड़ी संख्या में पक्षियों को मारा जा रहा है। यूं तो यह बीमारी आम तौर पर पक्षियों में पाया जा सकता है, लेकिन इससे इंसान भी अछूते नहीं हैं। संक्रमित पक्षी से करीबी संपर्क में आने पर इंसान भी इसकी चपेट में आ सकते हैं।
बर्ड फ्लू का खतरा उन लोगों में भी होता है, जो चिकन या अंडे ठीक से पका कर नहीं खाते। ऐसे में उन लोगों को खास तौर पर सतर्कता बरतने की आवश्यकता है, जो चिकन या अंडा खाते हैं। कुक्कुट पालन करने वालों और फूड सप्लाई चेन से जुड़े लोगों को भी इसमें विशेष सतर्कता अपनाने की जरूरत है। बर्ड फ्लू को लेकर ये लोगों का डर ही है कि मामले सामने आने के बाद यहां लोग पोल्ट्री उत्पादों से दूरी बनाने लगे हैं और चिकन की बिक्री बीते चार-पांच दिनों में ही 40 प्रतिशत तक गिर गई है।
बर्ड फ्लू को लेकर आखिर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) क्या कहता है? क्या पक्षियों में श्वसन से संबंधित बीमारी फैलाने वाला वायरस H5N1 इंसानों को भी बीमार कर सकता है। इस बारे में डब्ल्यूएचओ का साफ कहना है कि हां, इंसान भी इससे संक्रमित हो सकते हैं। ऐसे लोगों के एवियन एंफ्लुएंजा यानी बर्ड फ्लू से संक्रमित होने की आशंका रहती है, जो संक्रमित जिंदा या मृत पक्षी के साथ करीबी संपर्क में आते हैं या फिर संक्रमित वातावरण में रहते हैं।
आंकड़ों के अनुसार, दुनियाभर में 16 देशों के 846 लोग अब तक इस बीमारी की चपेट में आए हैं, जिनमें से 449 लोगों की जान चली गई। विशेषज्ञ यह भी बताते हैं कि इंसानों में इस बीमारी के होने के मामले 1997 के बाद ही मिलते हैं। फिर इस घातक बीमारी से बचाव के लिए इंसानों को किन सावधानियों को बरतने की जरूरत है? इस बारे में डब्ल्यूएचओ का कहना है कि एक तो संक्रमित मृत या जीवित पक्षी से दूर रहें और चिकन या अंडे को अच्छी तरह पकाकर खाएं। इसमें कच्चापन न रहने दें।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, अब तक इसके साक्ष्य नहीं मिले हैं कि चिकन या अंडे को अच्छी तरह पकाकर खाने के बावजूद यह संक्रमण इंसानों में फैला हो। इसलिए जरूरी है कि चिकन या अंडे को कम से कम 70 डिग्री तापमान पर अच्छी तरह पकाकर ही खाया जाए। इसके लक्षण आम तौर पर सामान्य एंफ्लुएंजा और इन दिनों कहर बरपा रहे कोरोना वायरस के लक्षणों जैसे ही होते हैं, इसलिए इसे लेकर और भी सतर्क रहने की जरूरत है और किसी भी तरह के लक्षण आने पर तुरंत विशेषज्ञों से सलाह लें।
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