नई दिल्ली: ओवैसी को उनको गढ़ में घेरने के लिए बीजेपी आक्रामक रणनीति पर काम कर रही है, भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक इस बार हैदराबाद में 2 और 3 जुलाई को होने जा रही है, ये बैठक कई मायनों में अहम है क्योंकि बीजेपी इस बैठक के माध्यम से एक तीर से कई निशाने साधने जा रही है...क्या है बीजेपी का प्लान साउथ देखिये हमारी एक्सक्लूसिव रिपोर्ट
तमाम कोशिशों के बावजूद बीजेपी साउथ में कर्नाटक को छोड़ और किसी राज्य में अपना पैर पसारने में कामायाब नहीं रही है..दूसरे लब्जों में कहे तो बीजेपी साउथ में अब तक वो कामयाबी हासिल नहीं कर पाई है जिसकी दरकार उसे लंबे समय से है
साउथ के इन पांच राज्यों की सभी लोकसभा सीटों को जोड़ दिया जाए तो आंकड़ा 120 के ऊपर चला जाता है इनमे से 100 सीटों पर बीजेपी कहीं नहीं है , इसलिये बीजेपी ने प्लान साउथ के तहत इन सभी राज्यों पर फोकस करना शुरू कर दिया है... ताकि पार्टी की पकड़ इन राज्यों में मजबूत की जा सके जो लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पार्टी का लक्ष्य है
बीजेपी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी के लिए हैदराबाद को क्यों चुना...हैदराबाद ओवैसी का गढ़ , ओवैसी बीजेपी और संघ के खिलाफ बोलने वाले सबसे प्रखर नेता, हैदराबाद को चुनने के पीछे यही रणनीति की ध्रुवीकरण को बल मिले.. और औवैसी के होने से ये काम बीजेपी के लिए आसान हो जाएगा..राष्ट्रवाद...अमित शाह लगातार ये बोल रहे हैं की वो तेलंगाना को बंगाल नहीं बनने देंगे, बीजेपी राष्ट्रवाद की अलख साउथ में भी जगाना चाहती है जिससे उसे चुनाव में फायदा मिले..
पिछले एक महीने के बीजेपी के बडे नेताओं के दौरे को देखा जाए तो , ज्यादातर नेता साउथ के दौरे पर रहे है बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा आज भी आंध्रप्रदेश प्रदेश के दौरे पर हैं.. बीजेपी संगठन महामंत्री बीएल संतोष कर्नाटक से आते हैं इसलिए इस अभियान में उनकी भूमिका अहम होने जा रही है...अगर बीजेपी अपने इस अभियान में सफल हो जाती है तो 2024 में उसकी राह आसान हो जाएगी।
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