नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में चुनावी मौसम नहीं है। लेकिन नेताओं की जुबां को सदाबहार रहती है। नेता हर विषय पर राय रखते हैं, अगर तीर निशाने पर लग जाता है तो अच्छी बात। अगर ना लगे तो बयान वापस लेने में या तोड़मरोड़ कर पेश करने और मीडिया पर तोहमत लगाने का विकल्प तो हमेशा मौजूद होता है। देश में इस समय कोरोना वैक्सीन देने पर काम चल रहा है। लेकिन इस विषय पर विपक्षी नेताओं ने जमकर बयानबाजी की तो सत्ता पक्ष के विधायक भी कहां चुप रहने वाले थे। बीजेपी विधायक संगीत सोम ने कहा कि दरअसल कुछ मुस्लिमों को देश के वैज्ञानिकों पर भरोसा नहीं है। उन्हें प्रधानमंत्री पर भी भरोसा नहीं है। उन्हें पाकिस्तान पर भरोसा है और वे वहां जा सकते हैं, लेकिन वैज्ञानिकों को संदेह है
सोम ने सोमनाथ को भी घेरा
इसके अलावा हाल ही में आम आदमी पार्टी के विधायक सोमनाथ भारती की गिरफ्तारी पर भी बयान दिया। वो कहते हैं कि दरअसल सोमनाथ भारती ने कुछ महीने जेल में बिताए हैं और इसलिए वो 'गुंडों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली भाषा' बोल रहे हैं। भाजपा नेता ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पर भी निशाना साधते हुए कहा कि सोमनाथ भारती के संबंध में अरविंद केजरीवाल की बुद्धि भ्रष्ट हो गई है। सोम ने अतीत में भी इसी तरह की उत्तेजक टिप्पणी की है।
अखिलेश यादव के शासन में मुगल सल्तनत में बदला यूपी
संगीत सोम ने वैक्सीन पर बयान देने के बाद अपनी टोन में बदलाव किया और किसान आंदोलन पर बोलना शुरू किए। उन्होंने कहा कि नए कृषि कानूनों को लेकर चल रहे किसानों के आंदोलन पर, उन्होंने दावा किया कि धरना देने वालों में से कोई भी किसान नहीं हैं। बल्कि वे किसान विरोधी हैं, इससे पहले मुख्य अतिथि के रूप में चंदौसी के आशीष गार्डन में भारतीय जनता युवा मोर्चा के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सोम ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर हमला किया। संगीत सोम ने कहा था कि अखिलेश यादव की सरकार के दौरान उत्तर प्रदेश मुगल सल्तनत में बदल गया। लेकिन वह मुगल शासन के आखिरी शासक थे, क्योंकि उन्हें अब और मौका नहीं मिलेगा।
'अफवाहों पर लगान लगाने की सलाह'
बता दें कि देश में पहले चरण में कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान 16 जनवरी से शुरू होने जा रहा है। इस चरण में प्राथमिकता के आधार पर हेल्थवर्कर्स को टीकाकरण किया जाएगा। इस संबंध में पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों के सीएम से मंथन किया। उस मंथन में जिस बड़ी बात का जिक्र किया वो यह था कि वैक्सीन के संबंघ में तरह की तरह की बातें की जा रही है, एक तरह से अफवाह फैलाया जा रहा है। इस मौके पर सभी राज्य सरकारों से अपील है कि वो अफवाह फैलाने वालों से सावधान रहें।
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