मुंबई : महाराष्ट्र के अमरावती सीट से सांसद नवनीत कौर राणा को मंगलवार को बॉम्बे हाई कोर्ट से झटका लगा। कोर्ट ने कहा कि जाली दस्तावेजों के जरिए उनका जाति प्रमाण पत्र हासिल किया गया। कोर्ट ने सांसद राणा का जाति प्रमाण पत्र खारिज करते हुए उन पर दो लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। वहीं, राणा का कहना है कि वह देश की एक जिम्मेदार नागरिक हैं और वह अदालत के फैसले का सम्मान करती हैं। सांसद ने कहा कि हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगी। नवनीत ने शीर्ष अदालत से अपने लिए न्याय मिलने की उम्मीद जताई।
अमरावती से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीती हैं राणा
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में नवनीत राणा ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अमरावती सीट से जीत दर्ज की। इस सीट पर उनका समर्थन कांग्रेस, राकांपा और आरपीआई ने किया। हाई कोर्ट ने पाया कि अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र पाने के लिए राणा ने 'मोची' जाति से आने का जो दावा जिन दस्तावेजों के आधार पर किया है, वे दस्तावेज जाली हैं। कोर्ट ने कहा कि ऐसा इस समुदाय के उम्मीदवार को मिलने वाले लाभ को पाने के इरादे से किया गया है। कोर्ट ने कहा कि कौर की तरफ से यह दावा तब किया गया कि जब वह जानती थीं कि वह 'मोची' समुदाय से नहीं आती हैं।
कोर्ट ने दो लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया
जस्टिस आरडी धानुका एवं जस्टिस वीजी बिष्ट की पीठ ने सांसद कौर पर दो लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने यह राशि महाराष्ट्र लीगल सर्विसेज अथॉरिटी के पास जमा करने का निर्देश दिया है। बता दें कि निर्दलीय सांसद के खिलाफ शिव सेना नेता आनंदराव अदसुल ने शिकायत की थी।
राणा की लोकसभा की सदस्यता जा सकती है
2019 के चुनाव में राणा ने अदसुल को हराया था। तेलुगु फिल्मों की पूर्व अभिनेत्री राणा ने युवा स्वाभिमानी पक्ष (वाईएसपी) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। इस मोर्चे का गठन उनके पति रवि राणा ने किया है। साल 2014 के चुनाव में राणा ने राकांपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था लेकिन वह अदसुल से हार गई थीं। महाराष्ट्र से इस बार आठ महिला सांसद लोकसभा पहुंची हैं। जाति प्रमाण पत्र रद्द होने से नवनीत अपनी सीट खो सकती हैं।
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