Kangana vs BMC: संजय राउत बताएं 'नॉटी' का मतलब, उन्होंने किसे कहा था हरामखोर- बॉम्बे हाईकोर्ट

देश
किशोर जोशी
Updated Sep 28, 2020 | 16:25 IST

फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के बंगले को तोड़े जाने के मामले में आज बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान दोनों पक्षों की तरफ से तीखी बहस भी हुई।

Bombay High Court asks Sanjay Raut to clarify Haramkhor comment on Kangana Ranaut
राउत बताएं 'नॉटी' का मतलब, उन्होंने किसे कहा था हरामखोर: HC 
मुख्य बातें
  • कंगना के बंगले को तोड़े जाने को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में हुई सुनवाई
  • बीएमसी और कंगना के वकीलों के बीच हुई तीखी बहस
  • संजय राउत द्वारा कंगना पर की गई टिप्पणी को भी कोर्ट ने लिया संज्ञान

मुंबई: फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के बंगले को बीएमसी द्वारा अचानक तोड़े जाने को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में आज फिर से सुनवाई हुई। इस दौरान हाईकोर्ट ने बीएमसी के साथ- साथ शिवसेना सांसद संजय राउत से भी तीखे सवाल किए। सुनवाई के दौरान हरामखोर और नॉटी जैसे शब्द भी कोर्ट में गूंजे। कोर्ट ने कहा कि संजय राउत को बताना होगा कि उन्होंने इस विवादित शब्द का इस्तेमाल किसके लिए किया था।

कोर्ट ने दिया आदेश

कंगना की तरफ से वकील बीरेंद्र सराफ पेश हुए जबकि बीएमसी की तरफ से वकील अस्पी चिनॉय ने जस्टिस एस कथावाला और जस्टिस रियाज चागला के सामने अपना पक्ष रखा। कंगना के वकील ने कहा कि इस मामले में कंगना के साथ बहुत गलत हुआ है और बीएमसी की तरफ से दी गई याचिका को पढ़ने का तक मौका नहीं दिया गया। कोर्ट ने कंगना को बीएमसी की कार्रवाई से जुड़ी फाइल तथा राउत द्वारा दिए गए इंटरव्यू की क्लिप पेश करने को कहा।

हरामखोर और नॉटी शब्द

कंगना के वकील सराफ ने जवाब में कहा कि वो संजय राउत के इटरव्यू की सारी क्लिप कोर्ट को देंगे जिसमें उन्होंने कंगना को हरामखोर कहा। सराफ ने कोर्ट को बताया कि राउत ने हरामखोर शब्द का मतलब नॉटी होना बताया था जिस पर कोर्ट ने हैरानी जताई और पछा कि नॉटी शब्द का मतलब क्या होता है। इस पर संजय राउत के वकील ने कहा, 'मेरे मुवक्किल ने किसी का नाम नहीं लिया।  बीएमसी के वकील ने कहा, 'कंगना कहती हैं कि यह सब उनके 5 सितंबर वाले ट्वीट की वजह से हुआ तो वह ट्वीट क्या था कोर्ट के सामने पेश किया जाए ताकि टाइमिंग का पता लग सकें।'

पिछले हफ्ते भी हुई थी सुनवाई

आपको बता दें कि कंगना ने अपनी याचिका में मांग की है कि बीएमसी ने उन्हें काफी नुकसान पहुंचाया है और उन्हें दो करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए। पिछले हफ्ते ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने कंगना रनौत को बांद्रा स्थित उनके दफ्तर को ढहाने के मामले में उनकी याचिका के संबंध में शिवसेना सांसद संजय राउत और बीएमसी के एक अधिकारी को वादी बनाने की अनुमति दी थी। राउत के अलावा, बृहन्मुंबई नगर निगम के एक अधिकारी भाग्यवंत लाते को भी न्यायमूर्ति एसजे खाठेवाला और आरआई चंगला की खंडपीठ ने पार्टी बनाने की इजाजत दी थी।

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