नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ देश की राजधानी दिल्ली में शाहीन बाग के बाद जाफराबाद में भी प्रदर्शन हो रहे हैं। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के इस इलाके में सीएए विरोधी और समर्थक समूहों के बीच रविवार को झड़प हो गई। महिलाओं समेत सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के निकट सीलमपुर, मौजपुर और यमुना विहार को जोड़ने वाली सड़क को बंद कर दिया था। इसके में तनाव का माहौल व्याप्त हो गया। प्रदर्शनकारियों को सड़क पर से हटाने के लिए दिल्ली पुलिस पहुंची लेकिन भारतीय सेना के जवानों जैसी वर्दी पहन रखी है। एक वीडियो सामने आया जिसमें दिख रहा है कि वहां मौजूद पुलिस सेना की वर्दी में है। दिल्ली पुलिस के वर्दी में होने की वजह से भारतीय ने कहा कि यह उचित नहीं है इसकी जांच होगी।
जाफराबाद के प्रदर्शन को लेकर समाचार एजेंसी एएनआई के ट्वीट किए गए एक वीडियो पर सोमवार को प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय सेना के प्रवक्ता के ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट किया गया कि यह स्पष्ट किया जाता है कि आंतरिक सुरक्षा के लिए भारतीय सेना की तैनाती नहीं की गई थी।
कपिल मिश्रा बोले- प्रदर्शनकारियों को तीन दिन में हटाए पुलिस
बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने सीएए के समर्थन में मौजपुर लालबत्ती के निकट सभा बुलाई थी। उन्होंने मांग की कि पुलिस सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को तीन दिन में हटाए। मिश्रा ने कहा कि वे सड़कें बाधित करके 35 लाख लोगों का संपर्क तोड़ना चाहते है। किसी चीज के खिलाफ प्रदर्शन का क्या यह कोई तरीका है? हम इस इलाके को शाहीन बाग नहीं बनने देंगे।
शाहीन बाग की तरह प्रदर्शन
शाहीन बाग की तरह, करावल नगर में खुरेजी खास, उत्तरपूर्व दिल्ली में चांदबाग और दक्षिण दिल्ली में हौज रानी में धरना प्रदर्शन शुरू हो गए जिसके कारण पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी। इस प्रदर्शन में अधिकतर महिलाएं थीं। महिलाओं के हाथ में तिरंगा था और वे आजादी के नारे लगा रही थीं। महिलाओं कहना है कि वे तब तक नहीं हटेंगी जब तक सरकार सीएए को वापस नहीं ले लेता। उन्होंने सीलमपुर को मौजपुर और यमुना विहार से जोड़ने वाली संड़क संख्या 66 को जाम कर दिया। सीएए समर्थन और विरोधियों के बीच रविवर दोपहर बाद झड़प हो गई और दोनों ने हिंसा के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया।
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